नेहरू ने दलितों को मंदिर प्रवेश का दिया अधिकार, इसीलिए संघ करता है उनका विरोध – शाहनवाज़ आलम

लखनऊ । आधुनिक भारत के निर्माता और देश के पहले प्रधान मंत्री (पण्डित जवाहर लाल नेहरू की 132 वीं जयंती) पर अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अपने स्पीक अप कार्यक्रम में नेहरू क्यों ज़रूरी हैं विषय पर संवाद किया। प्रत्येक रविवार को फेसबुक लाइव के माध्यम से होने वाले इस कार्यक्रम की आज 21 वीं कड़ी थी।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने इस अवसर पर कहा कि संघ परिवार और भाजपा जिस तरह का अल्पसंख्यक, गरीब, दलित और पिछड़ा विरोधी देश बनाना चाहते हैं उसमें नेहरू सबसे बड़ी बाधा हैं। इसीलिए प्रधान मंत्री मोदी से लेकर कंगना रनौत तक किसी न किसी बहाने पण्डित नेहरू के बारे में दुष्प्रचार करते रहते हैं। लेकिन अरबों रुपये खर्च करके भी संघी तत्व नेहरू को जनमानस से विस्मृत नहीं कर पा पाएंगे, क्योंकि देश नेहरू और गोडसे के फर्क को अच्छी तरह जानता है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि संघ नेहरू का विरोध इसलिए भी करता है कि नेहरू ने दलितों को मंदिर में घुसने का अधिकार देने के साथ ही छुवा-छूत को क़ानूनी अपराध घोषित कर दिया था। वहीं बड़े जमींदारों के पैसे पर पलने वाले संघ को नेहरू से इसलिए भी दिक़्क़त होती है कि उन्होंने जमींदारी प्रथा खत्म कर आम किसानों को ज़मीन का मालिक बना दिया था।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश चेयरमैन ने कहा कि राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के नेतृत्व में एक बार फिर संघ की देश विरोधी विचारधारा को जनता खारिज करने को तैयार बैठी है।
सौजन्य : Hastak shep
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