डायन प्रथा को समाप्त करने के लिए सौंपा मांग पत्र
किशनगंज । शुक्रवार को आदिवासी सेंगेल अभियान के प्रतिनिधि मंडल ने सती प्रथा की तरह डायन प्रथा को आदिवासी समाज से समाप्त करने के लिए डीएम व एसपी को मांग पत्र सौंपा। आदिवासी सेंगेल अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ टुडू ने कहा कि सती प्रथा की तरह डायन प्रथा आदिवासी गांव-समाज में झारखंड, बंगाल, उड़ीसा, असम, बिहार आदि प्रांतों के आदिवासी बहुल क्षेत्रों और खासकर संताल समाज में वृहद स्तर पर व्याप्त है।
जहां आदिवासी सेंगेल अभियान विगत दो दशकों से ज्यादा समय से आदिवासी सशक्तिकरण के कार्य में प्रयासरत हैं। एएसए के अनुसार यह अंधविश्वास से ज्यादा आदिवासी गांव- समाज में इसकी चर्चा होती है। चूँकि डायन हिंसा, हत्या, प्रताड़ना आदि की घटनाओं के पीछे घटित आदिवासी महिलाओं को कई तरह की प्रताड़ना से गुजरना पड़ता हैं। इसमें समाज के कुछ लोग चुप भी रहते हैं। ये सही नहीं है, इसके खिलाफ आवाज उठाना जरुरी है।
यह ईष्र्या- द्वेष, स्वार्थ, बदले की भावना, जमीन- जायदाद हड़पने आदि कारणों से भी घटित होती है। उन्होंने बताया कि 12 नवंबर को राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद सालखन मुर्मू के आह्वान पर पांच प्रदेशों के सभी जिलों के पुलिस- प्रशासन के मार्फत सरकार से डायन प्रथा को जड़मूल समाप्त करने के लिए कुछ सुझाव देते हुए सहयोग की अपील करती है। मांग पत्र में 5 सूत्री सुझाव भी दिये गये हैं। इस मौके पर उपस्थित जिला अध्यक्ष राजा मरांडी, जवाहर हेंब्रम, मुंशी मुर्मू, बाबूलाल सोरेन व सरकार मुर्मू आदि मौजूद थे।
सौजन्य: live hindustan
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