राजस्थान में मूक बधिर दलित महिला को दरिंदे ने बनाया हवस का शिकार, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
राजस्थान में एक शारीरिक रूप से कमजोर मूक बधिर दलित महिला के साथ दुराचार का मामला सामने आया है. आरोपी और उसकी पत्नी ने महिला के साथ बर्बरता की और अब अदालत ने आरोपी को सजा सुनाई है.
Rajasthan News: राजस्थान में पहला ऐसा मामला सामने आया जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है. शारीरिक रूप से कमजोर लोगों की मदद करने के बजाय एक दरिंदे ने उसका फायदा उठाते हुए दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया. जहां आरोपी ने अपनी पत्नी की मदद से मूक बधिर दलित महिला के साथ दुराचार किया. इस गंभीर अपराध के लिए आरोपी को गुरुवार को कोर्ट ने सजा सुनाई.
मूक बधिर महिला को बनाया हवस का शिकार
विशेष लोक अभियोजक एससी-एसटी न्यायालय के विशेष लोक अभियोजक मंजूर अली ने जानकारी देते हुए बताया कि अजमेर के सरवाड़ थाना अंतर्गत ग्राम खिरिया में दिनांक 30 जनवरी 2021 को गांव के ही रहने वाले शिवराज उर्फ मोगिया ने अपनी पत्नी के साथ जो कि खेत पर रखवाली कर रहे थे. वही पीड़िता अपनी बकरियों को चराने के लिए आई थी.
इसी दौरान आरोपी और उसकी पत्नी शराब के नशे में पीड़िता पर उनके खेत में बकरी चराने का आरोप लगाते हुए उसको जबरन पकड़ लिया. इस दौरान दोनों ने मिलकर मारपीट की और आरोपी मोगिया ने उसके साथ पत्नी की मदद से पीड़िता को पकड़ कर एक से अधिक बार दुराचार किया.
मूक बधिर पीड़िता ने अपनी बेटी को बताई कहानी
विशेष लोक अभियोजक मंजूर अली ने बताया की पीड़िता को आरोपी पति-पत्नी ने बंधक बनाकर अपने पास रखा. इसके बाद जब पीड़िता रात को अपने घर नहीं पहुंची तो परिजनों ने उसकी गांव मे तलाश की. तलाश में पीड़िता एक खेत के पास रोती बिलखती आरोपियों के खेत के पास मिली. क्योंकि पीड़िता बोल और सुन नहीं सकती थी. इसलिए वह अपने बेटे के सामने 2 दिन तक रोती रही.
उसके बाद बेटे ने अपनी बहन को बुलाया. बहन के आने के बाद अपनी मां से रोने का कारण पूछा. तो पीड़िता ने इशारों में अपने साथ हुई हैवानियत की जानकारी दी और अपने गुप्तांग की चोटे दिखाई. जिस के बेटी को सब कुछ समझ में आ गया और उसने अपने परिजनों के साथ जाकर सरवाड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई.
आरोपी को मिली आजीवन कारावास की सजा
पीड़ित दलित महिला की शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर उसका सरकारी अस्पताल में मेडिकल करवाया. पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी शोराज उर्फ मोगिया और उसकी पत्नी ने पीड़िता को बंधक बनाकर मारपीट की और दुराचार किया है. दोनों के खिलाफ दुराचार सहित एससी एसटी का मुकदमा दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया. दोनों के खिलाफ माननीय न्यायालय के समक्ष चालान पेश किया गया.
अभियोजन द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यप और अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत दलीलों से संतुष्ट होकर SC\ST न्यायालय के माननीय न्यायाधीश डॉ रेनू श्रीवास्तव ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. वहीं पत्नी को बरी करने के आदेश दिए.
सौजन्य: NDTV
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