HC जज के रिटायरमेंट के बाद आए 9 फैसले; सुप्रीम कोर्ट भी इससेहैरान, मांग ली रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्जमसीह की बेंच नेउच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से पूरी जानकारी तलब की है। अदालत ने पूछा है कि आखिर संबंधित फैसले का एक लाइन का जजमेंट कब आया था। इसके बाद डिटेल ऑर्डर कब अपलोड किया गया।
मद्रास हाई कोर्ट के एक जज नेरिटायर होने के बाद फैसलेदे दिए, जिस पर सुप्रीम कोर्ट नेरिपोर्ट तलब कर ली है। हाई कोर्ट के जस्टिस टी. माथीवनन के विस्तृत फैसलेउनके रिटायरमेंट के बाद हाई कोर्ट की वेबसाइट पर जारी हुए हैं। इसे लेकर शीर्षअदालत ने सवाल उठाया हैऔर रिपोर्ट मांग ली है। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्जमसीह की बेंच ने उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार से पूरी जानकारी तलब की है। अदालत नेपूछा है कि आखिर संबंधित फैसले का एक लाइन का जजमेंट कब आया था। इसके बाद डिटेल ऑर्डर कब अपलोड किया गया।
बार ऐंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार डीए केस खारिज करनेके खिलाफ दायर सीबीआई की याचिका पर सुनवाई करतेहुए सुप्रीम कोर्ट नेयह आदेश दिया। यह पहला मामला नहीं है, जब जस्टिस माथीवनन के व्यवहार को लेकर सवाल उठे हैं। वह मई 2017 में रिटायर हुए थे। इससेपहलेसुप्रीम कोर्ट नेजस्टिस माथीवनन के एक फैसलेको ही खारिज कर दिया था। इसकी वजह यह थी कि माथीवनन के सुनाए फैसलेकी विस्तृत कॉपी वेबसाइट पर उनके रिटायरमेंट के 5 महीनेबाद अपलोड की गई थी।
आज अदालत को यह जानकारी दी गई कि मौजूदा केस के अलावा जस्टिस माथीवनन के करीब 9 ऐसेफैसलेरहेहैं, जो उनके रिटायरमेंट के बाद अपलोड किए गए। इस मामलेपर संज्ञान लेतेहुए सुप्रीम कोर्ट नेसख्त आपत्ति जताई और उसनेउच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार को नोटिस जारी किया है। अदालत नेपूछा हैकि आखिर ऐसा क्यों हुआ। फैसलों की शुरुआती कॉपी कब जारी की गई और फिर विस्तृत निर्णय कब जारी हुए। अदालत नेपूछा कि आखिर सिंगल लाइन के ऑर्डर कब पास हुए और उन्हेंकब विस्तार से अपलोड किया गया है। बेंच नेपूछा कि क्या मद्रास हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की ओर सेऐसे 9 मामलों को लेकर कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया था।
सौजन्य: लाइव हिंदुस्तान
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