चमोली जिले में दलित उत्पीड़न के आरोपियों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस मुख्यालय पहुंचा सीपीएम का प्रतिनिधिमंडल
उत्तराखंड के चमोली जिले के सुभई गांव में दलित उत्पीडन के मामले में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने देहरादून में पुलिस मुख्यालय पहुंचकर अपर पुलिस महानिदेशक महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था एपी अंशुमान से मुलाकात की। इस मौके पर पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग भी की गई।
ये है प्रकरण
प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक, चमोली जिले में जोशीमठ के गांव सुभई चाचड़ी में दलित युवक के ढोल न बजाने से नाराज गांव के दबंगो ने 5000 रु का अर्थदण्ड का फैसला सुनाया था। साथ ही सभी दलित परिवारो का पानी बंद कर कर दिया। उन्होंने दोषियों को गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की। साथ ही पीड़ित परिवार को सुरक्षा देने की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल के मुताबिक, क्षेत्र में बैसाखी का मेला का आयोजन किया जाना था। इसमें गांव के अनुसूचित जाति के एक युवक पुष्कर लाल को ढोल बजाने की जिम्मेदारी दी गई थी। उसे पूरी रात ढोल बजाना था, लेकिन स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह ढोल दो ही घंटे बजा पाया। इस पर सवर्ण मानसिकता के दबंगो और मनुवादी विचारधारा के लोगों ने एक पंचायत कर ढोल वादक को पांच हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। इस जुर्माने को भरने के बावजूद भी पुष्कर लाल और उसके परिवार सहित सभी अनुसूचित जाति परिवार का बहिष्कार कर दिया गया। साथ ही उनकी पानी की सुविधाएं बंद कर दी गई। ये एक घोर अपराध है। मनुवादी विचारधारा रखने वाले लोगों के खिलाफ अभी तक कोई उचित कार्रवाई नहीं की गई।
एडीडी को दिए गए ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि दशकों पहले कफिल्टा दलितों कि सामुहिक नरसंहार के दोषियों माननिय सर्वोच्च न्यायालय ने दण्डित किया है। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि हमारे राज्य में इस प्रकार की दर्जनों घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले वर्ष पुरोला में अल्पसंख्यक समुदाय को हिन्दुवादी मानसिकता के लोगों ने पुरोला छोड़ने के लिऐ मजबूर कर दिया था। हल्द्वानी के वनफूलपुरा की घटना ने भी हमारे राज्य उत्तराखण्ड की देशभर छवि धूमिल किया है। हमारे राज्य में एक के बाद एक घटनाओं का होना दर्शाता है कि कहीं न कहीं इन असामाजिक तत्वों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है।
ज्ञापन में हाल ही में नवादा देहरादून में धर्मान्तरण के नाम पर ईसाई परिवार के घर में घुसकर असमाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ की गई। पुलिस द्वारा इन तत्वों को गिरफ्तारी न करना पुलिस प्रशासन पर कही न कही सत्ता का दबाव दर्शाता है। कुछ दिन पहले हरिद्वार में दलित महिला के साथ दंबगों की ओर से सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद हत्या में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी न होना भी निन्दनीय है।
ज्ञापन में पार्टी ने कहा कि जोशीमठ की घटना के दोषियों को दण्डित करने के लिए उनकी गिरफ्तारी जरूरी है। ताकि राज्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। मांग की गई कि पीड़ित परिवारों को समुचित न्याय दिया जाए। उनकी जानमाल की सुरक्षा के साथ ही क्षेत्र में शान्ति व्यवस्था स्थापित की जाए। प्रतिनिधिमंडल में माकपा के राज्य सचिव राजेन्द्र सिंह नेगी, सुरेंद्र सिंह सजवाण, लेखराज, मनमोहन रौतेला शामिल थे।
सौजन्य:लोकसाक्ष
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