लघु सचिवालय में खुले आसमान के नीचे धरने पर बैठे दलित परिवार की प्रशासन ने नहीं ली सुध

महेंद्रगढ़ चितलांग गांव का एक दलित परिवार धरने पर बैठी महिला ने प्रशासन को आत्मदाह की दी चेतावनी
चितलांग गांव का एक दलित परिवार लघु सचिवालय में अपनी मांग को लेकर धरने पर है। बुधवार को दूसरे िदन भी खुले आसमान के नीचे रात बिताने के बाद भी प्रशासन की तरफ से इस परिवार से िमलने के िलए कोई नहीं पहुंचा। पीड़ित परिवार का आरोप है िक उसको गांव में राजपूत समाज के लोग परेशान कर रहे हैं। धरने पर बैठी कृष्णा ने कहा िक यदि उनकी मांग पर प्रशासन जल्द समाधान नहीं करेगा तो वो आत्मदाह से भी नहीं चुकेगी।
बता दें िक मंगलवार को बलजीत पुत्र रामेश्वर दयाल ने अपने परिवार के साथ लघु सचिवालय के सामने अनिश्चितकालीन धरना शुरू िकया था। इस अनिश्चितकालीन धरने में उसकी मां, भाभी और उनके तीन बच्चे शामिल हैं। उनका आरोप है िक गांव के राजपूत समाज के लोग उन्हें उनके प्लॉट के आगे से निकले हुए पंचायती रास्ते पर दरवाजा नहीं लगाने दे रहे हैं। इस संबंध में वो सभी अधिकारियों के चक्कर लगा चुके हैं, बावजूद इसके िकसी ने भी समस्या का समाधान नहीं िकया। बुधवार को उनका धरना दूसरे िदन भी जारी रहा। ठंड में धरने पर बैठे परिवार के सभी सदस्य अपनी मांग पर अडे हैं।
धरने पर बैठी कृष्णा पत्नी मदन गांव चितलांग ने बताया िक राजपूत समाज के लोगों द्वारा मारपीट की गई। नागरिक अस्पताल में एमएलआर कटी। तीन दिन तक दाखिल रहने के बावजूद भी कोई भी पुलिस अधिकारी बयान दर्ज करने नहीं आया। बाद में दी गई दरखास्त पर पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। राजपूतों ने फिर से झगड़ा कर दिया और पुलिस थाने में दबंगो ने घर जाकर पीटने की धमकी दी। फिर भी पुलिस प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। कृष्णा का कहना है कि जब तक मेरे साथ मारपीट करने पर कटी एमएलआर पर एफआईआर दर्ज नहीं होगी और दोषी गिरफ्तार नहीं होंगे, तब तक धरना जारी रहेगा। अगर फिर भी सुनवाई नहीं हुई तो वो अपने बच्चों के साथ आत्मदाह जैसा कदम उठा सकती है। जिसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की होगी। दो िदन बीत जाने के बाद भी अभी तक प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया है। अब राजपूत समाज के लोग दोष से बचने के लिए लोभ-लालच देकर एससी समाज के लोगों की झूठी गवाही करवाते फिर रहे हैं।
सौजन्य : दैनिक भास्कर
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