सरकार ने न्यायालय को बताया, देश में 10-17 साल के 1.58 करोड़ बच्चों को मादक पदार्थ की लत

शीर्ष अदालत के एक आदेश के बाद सरकार ने एक सर्वे के हवाले से कहा है कि शराब भारतीयों द्वारा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मादक पदार्थ है. लगभग 16 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं. इसके बाद 3.1 करोड़ व्यक्ति भांग उत्पादों का उपयोग करते हैं और लगभग 25 लाख लोग भांग की लत से पीड़ित हैं|
नई दिल्ली: देश में 10 से 17 साल की उम्र के 1.58 करोड़ बच्चे मादक पदार्थों के इस्तेमाल के आदी हैं. सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी.
शीर्ष अदालत के एक आदेश के बाद किए गए एक सर्वेक्षण के आंकड़ों का हवाला देते हुए सरकार ने कहा कि शराब भारतीयों द्वारा सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला मादक पदार्थ है. इसके बाद भांग और अफीम हैं.
लगभग 16 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं और 5.7 करोड़ से अधिक व्यक्ति इसकी गंभीर लत से प्रभावित हैं और उन्हें मदद की जरूरत है.
सरकार ने कहा कि 3.1 करोड़ व्यक्ति भांग उत्पादों का उपयोग करते हैं और लगभग 25 लाख लोग भांग की लत से पीड़ित हैं. सरकार के मुताबिक, 2.26 करोड़ लोग अफीम का उपयोग करते हैं और लगभग 77 लाख व्यक्तियों को अफीम के उपयोग से जुड़ी समस्याओं के लिए मदद की आवश्यकता होती है.
केंद की तरफ से पेश हुईं अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने जस्टिस केएम जोसफ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत के 2016 के फैसले के बाद उसने भारत में मादक द्रव्यों के उपयोग की सीमा और तौर-तरीकों पर एक सर्वेक्षण किया था.
उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने 14 दिसंबर, 2016 के फैसले में शीर्ष अदालत द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुपालन में मादक पदार्थों के उपयोग पर एक राष्ट्रीय डेटाबेस तैयार करने के लिए अपनी तरह का पहला राष्ट्रीय सर्वेक्षण पूरा किया था.
गैर सरकारी संगठन ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एचएस फुल्का ने तर्क दिया कि सरकार 2016 में जारी शीर्ष अदालत के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने दावा किया कि उसने मादक द्रव्यों के सेवन से निपटने के लिए अपनी राष्ट्रीय योजना में सभी पहलुओं को शामिल नहीं किया है.
पीठ ने फुल्का से पूछा कि क्या वह आदेश का पालन नहीं होने से व्यथित हैं या योजना में कुछ और किया जा सकता था. फुल्का ने कहा कि हालांकि राष्ट्रीय योजना का अनुपालन किया गया है और अधिक पहलुओं को शामिल किया जा सकता था.
पीठ ने कहा कि वह इस मामले को एक ऐसे मामले से जोड़ रही हैं, जिस पर न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लिया था, जो कमोबेश उसी मुद्दे से संबंधित है और मुख्य न्यायाधीश की पीठ द्वारा उसकी सुनवाई की जा रही है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक अपने हलफनामे में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने कहा कि उसने 2018 के दौरान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के नेशनल ड्रग डिपेंडेंस ट्रीटमेंट सेंटर (एनडीडीटीसी) के माध्यम से सर्वेक्षण किया.
सर्वे में कहा गया है, शराब भारतीयों द्वारा उपयोग किया जाने वाला सबसे आम मादक पदार्थ (सर्वे में शामिल पदार्थों में से) है. राष्ट्रीय स्तर पर लगभग 14.6 प्रतिशत जनसंख्या (10 से 75 वर्ष की आयु के बीच) शराब का उपयोग करती है. यानी देश में करीब 16 करोड़ लोग शराब का सेवन करते हैं.
इसमें कहा गया है कि महिलाओं (1.6 प्रतिशत) की तुलना में पुरुषों (27.3 प्रतिशत) में शराब का उपयोग काफी अधिक है और शराब के सबसे अधिक प्रचलन वाले राज्यों में छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और गोवा हैं.
सर्वे में कहा गया है, हर एक महिला, जो शराब का सेवन करती है, उसकी तुलना में 17 पुरुष शराब का सेवन करते हैं. शराब का सेवन करने वालों में देशी शराब (लगभग 30 प्रतिशत) और भारत में निर्मित विदेशी शराब (लगभग 30 प्रतिशत) मुख्य रूप से सेवन किए जाने वाले मादक पेय हैं.
इसमे कहा गया है कि शराब के बाद देश में भांग और अफीम सबसे अधिक इस्तेमाल किए जाने वाले मादक पदार्थ हैं. पिछले वर्ष में लगभग 2.8 प्रतिशत आबादी (3.1 करोड़ लोग) द्वारा किसी भी एक भांग उत्पाद का उपयोग करने की रिपोर्ट है.
इसमें कहा गया है, ‘भांग के उपयोग को कानूनी तौर पर मिलने वाले अवैध तरीके से मिलने वाले भाग उत्पादों गांजा और चरस के बीच बांटा गया है. लगभग 2 प्रतिशत यानी 2.2 करोड़ लोगों को भांग का उपयोग करते देखा गया और 1.2 प्रतिशत यानी लगभग 1.3 करोड़ व्यक्तियों ने अवैध भांग उत्पादों का उपभोग किया. भांग के सबसे अधिक प्रचलन वाले राज्य उत्तर प्रदेश, पंजाब, सिक्किम, छत्तीसगढ़ और दिल्ली हैं.’
सरकार ने कहा कि नागरिकों के बीच नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या का समाधान करने के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन (एनएपीडीडीआर) योजना तैयार और कार्यान्वित की है, जिसके तहत सरकार युवाओं और महिलाओं के बीच मादक द्रव्यों के सेवन की समस्या को रोकने के लिए निरंतर और समन्वित कार्रवाई कर रही है|
सौजन्य :द वायर
दिनाक :16 दिसंबर 20 22