Delhi: सफाई श्रमिकों के 16 करोड़ बकाये पर उपराज्यपाल ने जताई नाराजगी, जल बोर्ड के खिलाफ शिकायत के आदेश
डीआईसीसीआई की तरफ से इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस मामले पर फिलहाल दिल्ली सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। डीजेबी के सीवर लाइन की सफाई के बावजूद दिल्ली सरकार की तरफ से भुगतान में अत्यधिक देरी पर एलजी ने नाराजगी जताई है।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की सीवर लाइन सफाई करने वाले 1,000 से अधिक कर्मियों का बकाया 16 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने संबंधी शिकायत की जांच करें। उन्होंने कहा है कि दिवाली से पहले बकाये का भुगतान करवाने की दिशा में पहल करें ताकि त्योहार के दौरान कर्मियों को वित्तीय परेशानी का सामना ना करना पड़े।
दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (डीआईसीसीआई) की तरफ से इस मामले की शिकायत दर्ज करवाई गई थी। इस मामले पर फिलहाल दिल्ली सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के सीवर लाइन की सफाई के बावजूद दिल्ली सरकार की तरफ से भुगतान में अत्यधिक देरी पर एलजी ने नाराजगी जताई है। डीजेबी ने 20 फरवरी, 2019 को डीआईसीसीआई के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके तहत सीवर सफाई के लिए मैला ढोने की प्रथा को खत्म कर प्रौद्योगिकी आधारित समाधान लागू करना था।
इसके तहत 189 ठेकेदारों ने सीवर की सफाई के लिए डीजेबी द्वारा हाशिए के समुदाय को लगाया गया था। ठेकेदारों ने सफाई के लिए 1,000 से अधिक सफाई कर्मचारियों को लगाया ताकि दिल्ली जल बोर्ड के सीवरेज की सफाई की जा सके। इसके लिए स्टैंड अप इंडिया योजना के तहत ऋण सहायता लेकर जरूरी मशीनें भी खरीदी गईं। भारतीय स्टेट बैंक ने 90 फीसदी तक सावधि ऋण को बढ़ा दिया।
परियोजना के तहत प्रत्येक मशीन के लिए 40 लाख रुपए जबकि शेष 10 फीसदी राशि दलित उद्यमियों द्वारा खर्च किया गया। कर्मियों को भुगतान में देरी से बैंक की किश्तों का भुगतान, रखरखाव और जरूरी खर्च सहित कई महीनों से वेतन ना मिलने के कारण श्रमिकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा बिलों का भुगतान ना करने से ठेकेदारों के पास कई महीनों से बगैर वेतन काम करने के लिए 1000 से अधिक श्रमिक मजबूर हैं।
साभार :अमर उजाला