शर्मनाक…रुदावल थाने में दलित विधवा महिला के साथ दरिंदगी
भरतपुर. भरतपुर जिले के रुदावल थाने में शराब के नशे में पुलिसकर्मियों ने एक शर्मनाक वारदात को अंजाम दिया है। जिन्हें पुलिस की ओर से सुरक्षा दी जानी थी और रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करनी थी, पुलिसकर्मियों ने उन्हें ही सजा देकर दोषी बना दिया।
मामला जुड़ा है एक विधवा महिला से। जहां रिपोर्ट दर्ज कराने साथी क्रशर के मुनीम के साथ गई विधवा महिला व मुनीम के साथ पुलिसकर्मियों ने जमकर मारपीट की। अब मामले की शिकायत एसपी तक पहुंचने के बाद इसमें जांच के आदेश दिए गए हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इतने बड़े प्रकरण को लेकर बयाना में नियुक्त पुलिस अधिकारियों व किसी भी राजनेता ने अब तक कदम तक नहीं उठाया। जबकि जिस इलाके में यह प्रकरण हुआ है, उसी इलाके में बयाना में भाजपा सांसद रंजीता कोली भी रहती हैं।
शिकायत में उल्लेख किया है कि विधवा महिला क्रशर प्लांट पर मजदूरी कर अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही है। दो जुलाई को रात करीब आठ बजे विधवा महिला का पड़ोसियों से झगड़ा हो गया था। इसकी रिपोर्ट कराने पर पीडि़ता क्रशर के मुनीम दिनेश को साथ लेकर थाना रुदावल पहुंची। जहां एएसआई राजवीर, विजयपाल, नीरज मीणा, राजपाल और दो-तीन अन्य पुलिसकर्मी मिले, जो कि शराब के नशे में थे। उनसे पीडि़ता ने रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा तो उन्होंने कहा कि बैठ जाओ। इसके काफी देर बाद भी जब उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की तो पीडि़ता दुबारा उनके पास गई और रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। इतने पर ही पुलिसकर्मी भड़क गए।
चिल्लाते हुए एएसआई राजवीर पीडि़ता का हाथ पकड़ कर कमरे में अंदर खींचकर ले गया। जहां हाथ छुड़ाने की कोशिश की तो एएसआई राजवीर ने पीडि़ता को जमीन पर पटक दिया और साड़ी खींच दी। इतने में नीरज व राजपाल भी वहां आ गए। पीडि़ता के साथ लात घूसों से मारपीट करने लगे। शोरगुल होने पर दिनेश मुनीम अंदर आया तो उसके साथ भी मारपीट की गई। पटों से दिनेश की पिटाई कर उसे हवालात में बंद कर दिया। साथ ही पीडि़ता को जातिसूचक शब्दों से भी अपमानित किया। इसके अलावा दुबारा थाने आने पर जान से मारने की धमकी भी दी। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने घटना को दबाने के लिए षड्यंत्रपूर्वक वीडियो बनवा कर शरीर पर आई चोटों को स्कूटी से गिरने की कहानी बनाई। ऐसे में मुनीम का मेडिकल भी कराया गया है।
सौजन्य : Patrika
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