शिक्षकाें के बाद छात्राें ने खाेला माेर्चा, फ्रीशिप कार्ड का लाभ नहीं मिलने पर जालंधर में घेरी शिक्षा मंत्री की कोठी
जालंधर । पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप के मुद्दे को लेकर अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों ने शिक्षा मंत्री परगट सिंह की कोठी के बाहर प्रदर्शन किया। उनकी मांग है कि जब तक उनकी मांगों संबंधी मीटिंग या कार्रवाई नहीं होती वे तब तक नहीं उठेंगे। उनका कहना है कि वे इससे पहले भी शिक्षा मंत्री परगट सिंह से दो बार मुलाकात कर चुके हैं। दोनों ही मुलाकातों में उन्होंने आश्वासन दिया था कि वह जल्द ही इस संबंध में कार्रवाई करेंगे ताकि विद्यार्थियों को परेशानी न हो। मगर इसके विपरीत कालेजों की तरफ से विद्यार्थियों को और ज्यादा परेशान किया जाने लगा। उन्होंने कहा कि पूरे पंजाब में 60 हजार से अधिक विद्यार्थियों की डिग्रियां अभी तक रुकी हुई है।
विद्यार्थी संघर्ष मोर्चा के नेता नवदीप सिंह का कहना है कि अगर सरकार विद्यार्थियों को किसी प्रकार का लाभ दिला ही नहीं सकती तो ऐसे आश्वासन देकर या परेशान करके विद्यार्थियों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का भी उन्हें कोई हक नहीं है।अगर विद्यार्थियों के पास पैसा होता तो वह पहले ही कलेजों को दे चुके होते और इस तरह की स्कीमों की जरूरत भी नहीं पड़ती। विद्यार्थी के पास पैसा न होने का ही फायदा कालेज प्रबंधन उठा रहे हैं और उन पर बुरी तरह से दबाव डालकर मानसिक तौर से प्रताड़ित कर रहे हैं।
सरकार की तरफ से पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप का लाभ दिलाने के लिए फ्रीशिप कार्ड बनाए जा रहे हैं। जो कई विद्यार्थियों ने बनवा भी लिए हुए हैं। इसके बावजूद सरकार की ही यूनिवर्सिटी उनके ही आदेशों को मानने को तैयार नहीं है। जिसका अर्थ यही है कि फ्रीशिप कार्ड बनाने की पाबंदी के बावजूद विद्यार्थियों से पैसों की मांग की जा रही है। जबकि सरकार का आदेश यही था कि जिन विद्यार्थियों की तरफ से फ्रीशिप कार्ड बनवा लिए गए हैं उनसे कालेज व यूनिवर्सिटी फीस नहीं मांग सकती।
दीपक बाली का कहना है कि वे तो अपने हक की मांग लेकर शिक्षा मंत्री के पास पहुंचे थे। मगर वह अपने घर पर है ही नहीं। मंत्री साहब को चाहिए था कि कम से कम अपनी गैरहाजिरी में किसी अधिकारी की ड्यूटी लगा कर जाते। अब जब तक उनकी मांगों संबंधी कोई फैसला नहीं होता, वह इस धरने स्थल से नहीं उठेंगे और अपने अगले संघर्ष की घोषणा भी जल्द ही मीटिंग बुलाकर यहीं से शुरू करेंगे।
सौजन्य : Dainik jagran
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