किसानों को एक दशक से नहीं मिल रहा जलाशय से पानी
गोटेगांव । नगर से 12 किमी दूर ग्राम गौरतला में जलसंसाधन विभाग ने करीब 70 एकड़ में जलाशय एवं नहरों का निर्माण कराया है। जिससे किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी मिल सके। लेकिन जलाशय से गेट दूर व ऊंचाई पर बनने से एक दशक से किसानों को पानी नहीं मिल रहा है। पानी की कमी से यह जलाशय सूखने की कगार पर है।
इस साल बारिश कम होने से जलाशय में पानी की कमी बनी है। आसपास के ट्यूबवेल का जलस्तर घट गया है। जिससे ग्राम पंचायत बगासपुर सरपंच सविता पटेल, गौरतला सरपंच टावल सिंह श्रीपाल ने किसानों की समस्याओं को देखते हुए क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को एसडीएम के माध्यम से ज्ञापन दिया है। जिसमें मांग की गई है कि बरगी की मुख्य नहर लाठगांव से सोजनी मजनी, गौरतला, श्यामनगर, परमहंसी, श्रीनगर, मवई आदि गांवों से होकर उपनहर शाखा परमहंसी जलाशय तक नई नहर शाखा का निर्माण कराया जाए। जिससे बरसात कम होने से सूखा की समस्या नहीं होगी और क्षेत्र का जलस्तर अच्छा रहेगा, किसानों को लाभ मिलेगा। इस मांग को लेकर कई गांव के किसान आवेदन दे चुके है। लेकिन अभी तक किसानों को कोई राहत नहीं मिल सकी है।
समतल हो गईं हैं नहरें: गौरतला का जलाशय पूरी तरह सूखने लगा है और नहरें समतल हो गई हैं। यहां की आबादी सबसे ज्यादा आदिवासी वर्ग की है और केंद्रीय मंत्री स्वयं एक राष्ट्रीय स्तर के आदिवासी नेता है। जिससे आदिवासी वर्ग की अपेक्षा है कि वह बरगी नहर का पानी गौरतला जलाशय, परमहंसी जलाशय तक पहुंचाकर किसानों को राहत दिलाएं।
वनक्षेत्र से आता था जलाशय में पानीः ग्रामीण कहते है कि पहले गौरतला जलाशय में वनक्षेत्र से पानी आता था। लेकिन वनक्षेत्र का पानी बरसात में चिरचिटा जलाशय में चला जाता है। जिससे यह जलाशय नहीं भर पाता। जलाशय की करीब 50 एकड़ जमीन में खेती हो रही है। जिस हिस्से में पानी रहता है वह गर्मी में सूखता है तो वहां भी खेती होने लगती है। 20 से 30 एकड़ में पानी रहने पर मछली पालन होता है। जलाशय की जमीन पर दबंग लोग खेती कर रहे है। शासन-प्रशासन तमाशबीन बना है। जलसंसाधन विभाग के अधिकारी कभी जलाशय की हालत देखने नहीं आते और कागजों में दौरा की कार्रवाई पूरी कर ली जाती है।
साभार : नईदुनिया
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