बिना मुआवजा दिए किसान की बेच दी जमीन, कागजों में की धोखाधड़ी
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले के डीएम और नोएडा प्राधिकरण के सीईओ को तलब किया है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने दोनों अधिकारियों को तलब करते हुए चेंबर में व्यक्तिगत रुप से उपस्थित होने के लिए कहा है। दरअसल, बरौला गांव निवासी दलित किसान जयपाल की भूमि को बिना किसी आधिकारिक सूचना और बिना मुआवजा दिए बगैर नोएडा प्राधिकरण ने बेच दिया।
प्रेस वार्ता का आयोजन
नोएडा मीड़िया क्लब में किसान द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। वार्ता को सम्बोधित करते हुए दलित किसान ने बताया कि हमारी गांव शहदरा में गाटा संख्या 808 में 0.5932 हेक्टेयर कृषि भूमि थी। जिसमें से 0.5352 हेक्टेयर भूमि का साल 2003 में नोएडा प्राधिकरण ने अधिग्रहण किया था लेकिन नोएडा प्राधिकरण ने बगैर अधिकारिक सूचना और बिना मुआवजा दिए अनर्जित भूमि 0.0580 हेक्टेयर पर अवैध कब्जा कर लिया। 31 मार्च 2011 को इस भूमि के सापेक्ष 5% आवासीय भूखंड SH 49 सेक्टर-141 में नोएडा प्राधिकरण द्वारा आवंटित किया गया, जो किसान जयपाल के नाम से ही आवंटित हुआ था।
कागजों में धोखाधड़ी
किसान जयपाल सिंह ने बताया कि प्राइम लोकेशन (45 मीटर रोड) पर होने के कारण नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने अपने निजी स्वार्थ और जाति विशेष को लाभ देने के लिए कागजों में धोखाधड़ी कर 10 साल तक आवंटन पत्र दबाए रखा। प्राधिकरण ने लाभ कमाने के चक्कर में उस प्लॉट को किसी अन्य व्यक्ति नाम पर आवंटित कर दिया। किसान ने प्राधिकरण के अधिकारियों के समक्ष्य कई बार अपनी शिकायत रखी लेकिन किसान की समस्या का समाधान नहीं किया।
हाईकोर्ट इलाहाबाद पहुंचा मामला
जयपाल सिंह ने बताया कि वहीं जब भूलेख विभाग के तत्कालीन पटवारी मनोज सिंघल और तत्कालीन तहसीलदार मान सिंह पुंडीर ने मिथ्या साक्ष्य प्रस्तुत कर हमारी भूमि को गैर पुश्तैनी, पट्टे की और सिरदार बताकर बार-बार प्रताड़ित किया। नोएडा प्राधिकरण के नियोजन विभाग के सेक्टर-141 के पहले नक्शे में भूखंड SH-49 मौजूद हैं परंतु नवीनतम नक्शे में नहीं है। जब किसी अधिकारी ने की पीड़ा नहीं सुनी तो किसान ने न्यायालय हाईकोर्ट इलाहाबाद की शरण ली। कोर्ट के आदेश पर नोएडा प्रधिकरण ने किसान को सेक्टर-141 में 45 मीटर रोड से हटाकर पीछे की तरफ 9 मीटर रोड पर साल 2022 मे भूखंड सं0 SH 9A/1 आवंटित किया।
शोषण करने का आरोप
किसान का आरोप है कि नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने सेक्टर-141 से मूल आवंटियों को गुमराह कर प्राइम लोकेशन पर आवंटित भूखंड बाहरी किसानों को निजी पूर्ति हेतु आवंटित किए। उनका बार-बार नोएडा प्राधिकरण द्वारा शोषण किया गया। अब किसान ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग दिल्ली की शरण ली। मामला का संज्ञान लेते हुए आयोग ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम और नाेएडा प्राधिकरण को तलब किया है।
सौजन्य : Tricity today
नोट : समाचार मूलरूप से tricitytoday.com में प्रकाशित हुआ है ! मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित !