अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ बच्चे बैठे आमरण अनशन पर, प्रशासन पर एकतरफ़ा करवाई का आरोप
नारायणपुर (जामताड़ा) : नारायणपुर थाना क्षेत्र के चिरुडीह गांव में दलित परिवार तथा दूसरे पक्ष के लोगों के बीच जमीन विवाद का मामला तूल पकड़ने लगा है। नारायणपुर थाना क्षेत्र के चीरूडीह गांव के एक समुदाय के लोगों ने शुक्रवार की शाम में न्याय की मांग को लेकर नारायणपुर ब्लाक गेट पर धरना दिया। चीरूडीह की लालबानो बीबी, फातिमा बीबी, समीना बीबी, परिजन बीबी ने कहा कि हम लोगों ने तीन लाख रुपये में जमीन खरीदी थी।
जमीन का बदलनामा भी हुआ है। प्रशासन के द्वारा हमलोगों को हटाने के लिए बार बार नोटिस दिया जा रहा है। वे लोग छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएंगे। जिला प्रशासन से हम लोगों को न्याय मिले इस निमित्त धरना पर बैठे हैं। एकतरफा कार्यवाही नहीं होनी चाहिए। प्रशासन को हमारी बात भी सुननी चाहिए। लोगों ने कहा कि जब तक हमारे साथ न्याय नहीं होता है। हम लोग धरना से नहीं उठेंगे।
मौके पर उपस्थित अंचलाधिकारी प्रदीप कुमार महतो ने कहा कि पूर्व में चीरूडीह गांव के अनुसूचित जाति की चार एकड़ 99 डिसमिल जमीन की मापी हुई है। कोई विवाद नहीं है। दो एकड़ भूमि उच्छेदी हुई है। जिसका मामला उच्च न्यायालय में है। नारायणपुर ब्लाक गेट पर घटना की सूचना मिलने पर स्थानीय विधायक डाक्टर इरफान अंसारी, एसडीपीओ आनंद ज्योति मिंज, सिविल एसडीओ संजय पांडेय, थाना प्रभारी अभय कुमार मौके पर पहुंचे तथा लोगों को समझा-बुझाकर धरना समाप्त करने को कहा। परंतु लोग नहीं माने। समाचार प्रेषण तक महिलाएं तख्ती लेकर धरना पर बैठी थीं।
गौरलतब है कि शनिवार क़ अनुसूचित जनजाति आयोग की टीम उक्त मामले की जांच करने जामताड़ा आने वाली है। इस संबंध में सिविल एसडीओ संजय पांडेय ने कहा कि चीरूडीह गांव के कुछ लोग इसमें महिला बच्चे भी शामिल हैं। ब्लॉक गेट में धरना दिए हैं। उन लोगों का कहना है कि उच्छेदी मामले को लेकर वे लोग उच्च न्यायालय गए हैं। बावजूद इसके प्रशासन द्वारा नोटिस दिया जा रहा है। सीडीओ ने कहा कि हम लोगों ने धरना पर बैठे लोगों को समझाया की विधि व्यवस्था की समस्या न खड़ी करें। प्रशासन अपनी ओर से उक्त दिशा में पहल कर रहा है।
सौजन्य : Dainik jagran
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