ट्रैक्टर से कुचलकर बीजेपी नेता ने की आदिवासी युवक की निर्मम हत्या, कार्रवाई की मांग
भोपाल। सिंगरौली जिले के सरई थानान्तर्गत आने वाले गांव गन्नई में 1 सितम्बर की शाम 7 बजे बालू माफिया द्वारा रेत से भरी ट्रैक्टर से कुचल कर मार डाले गए 35 वर्षीय आदिवासी युवक इंद्रपाल अगरिया की निर्मम हत्या खुद भाजपा गन्नई मंडल अध्यक्ष लाले वैश्य और उसके बेटे आशीष वैश्य ने की थी।
लाले वैश्य इस इलाके का सबसे कुख्यात बालू तस्कर और अवैध कारोबारी है। इस हत्याकांड के समय भाजपा की तरफ से जनपद पंचायत के सदस्य रामधनी यादव का ट्रैक्टर भी था।
यह जानकारी आज गन्नई गांव पहुंचे सीपीएम जिला सचिव लालबाबू कुशवाह तथा मप्र किसान सभा के जिला अध्यक्ष रामेश्वर सिंह के नेतृत्व में गए दल को क़त्ल हुए इन्द्रपाल के भाई महिपाल अगरिया ने दी। उन्होंने बताया कि इन्द्रपाल पर ट्रैक्टर चढ़ाने से पहले वैश्य बाप-बेटे और करीब 8-10 उनके गुंडों ने मृतक को फावड़ों से मारा भी था।
उन्होंने बताया कि 7 बजे की घटना के बाद भी रिपोर्ट रात 12 बजे जाकर तब लिखी गयी, जब परिजनों के साथ गांव वालों ने इकट्ठा होकर पुलिस को रिपोर्ट लिखने के लिए मजबूर किया।
लालबाबू कुशवाह और रामेश्वर सिंह ने बताया कि भाजपा नेताओं के इतने बड़े अपराध के बावजूद पुलिस और प्रशासन किस हद तक का उनका संरक्षण कर रहा है, यह इसी उदाहरण से साफ़ हो जाता है कि नामजद किये जाने के बाद भी पुलिस ने सिर्फ लाले वैश्य के ड्राईवर लाले कोल को ही गिरफ्तार किया है।
न भाजपा नेता बाप-बेटे पकड़े गए हैं और ना ही जनपद पंचायत सदस्य को ही पकड़ा गया है। माकपा और किसान सभा के दल में इन दोनों के अलावा तेज नारायण शाह, राम भरोसे शाह तथा प्रकाश नारायण सिंह भी शामिल थे।
अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध मध्यप्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष अशोक तिवारी, महासचिव अखिलेश यादव तथा मध्यप्रदेश आदिवासी एकता महासभा के अध्यक्ष बुद्धसेन सिंह गोंड, महासचिव लालता प्रसाद कोल ने इस निर्मम हत्याकांड और उसके बाद सत्ता पार्टी के नेताओं को बचाने के लिए पुलिस तथा प्रशासन की आपराधिक भूमिका की भर्त्सना की है।
किसान तथा आदिवासी नेताओं ने कहा है कि पूरे प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भाजपा के नेता माफिया राज चला रहे हैं और आदिवासी, गैर आदिवासी, छोटे मध्यम और बड़े किसी भी तरह के किसान को नहीं बख्श रहे हैं।
सिंगरौली की तरह बाकी पूरे प्रदेश में भी पुलिस और प्रशासन इन माफियाओं के आगे इतना नतमस्तक है कि आईपीएस और डिप्टी कलेक्टर्स तक की हत्याएं और उन पर हमलों के बाद भी कुछ नहीं करता।
दोनों संगठनों ने बुलडोजर आसक्त मुख्यमंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने तथा लाले वैश्य, आशीष वैश्य, रामधनी यादव सहित सभी की गिरफ्तारी एवं उनके इशारे पर चलकर उन्हें बचाने की कोशिश करने वाले पुलिस तथा प्रशासनिक अधिकारियों को निलंबित किये जाने की मांग की है।
दोनों संगठनों ने मृतक के परिजनों को 5 करोड़ रुपया मुआवजा देने की भी मांग की है। कार्रवाई न होने पर सिंगरौली सहित प्रदेश भर में आन्दोलन की चेतावनी भी दी है।
सौजन्य :जनचौक
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