‘ये आत्महत्या नहीं हत्या है’: ड्यूटी पर तैनात अग्निवीर की मौत पर परिवार के 4 गंभीर सवाल

“हमारे घर में सब ठीक है, कोई परेशानी नहीं है, 20 दिन पहले ही श्रीकांत घर पर सबसे मिलकर गया, इसलिए वो ऐसा नहीं कर सकता”
(चेतावनी: इस खबर में कथित आत्महत्या से मौत का जिक्र है)
“जो खुद दूसरों को हिम्मत रखने की सलाह देता था, जो खुद इतना पॉजिटिव था, वो ऐसा नहीं कर सकता.”
अग्निवीर श्रीकांत की आत्महत्या से मौत की बात को पूरी तरह से खारिज करते हुए श्रीकांत के बड़े भाई सिद्धांत ने ये बात क्विंट हिंदी से कही. सिद्धांत समेत परिवार के हर सदस्य ने आत्महत्या की बात को खारिज किया और हत्या का संदेह जताया है|
दरअसल उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के 22 साल के अग्निवीर श्रीकांत कुमार चौधरी की मंगलवार, 2 जुलाई को देर रात आगरा में एयरफोर्स स्टेशन पर ड्यूटी के दौरान कथित तौर पर गोली लगने से मौत हो गई. फिलहाल आशंका जताई जा रही है कि ये आत्महत्या से मौत का मामला है. लेकिन परिवार वालों ने हत्या का आरोप लगाया है.
4 जुलाई को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ श्रीकांत का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रेवती थाना क्षेत्र के नारायणपुर पचरुखिया में हुआ. अंतिम संस्कार के दौरान लोगों ने ‘जब तक सूरज चंद रहेगा श्रीकांत चौधरी तेरा नाम रहेगा’ नाम से जयकारे लगाए.
“हमारे घर में सब ठीक है, कोई परेशानी नहीं है, 20 दिन पहले ही श्रीकांत घर पर सबसे मिलकर गया, इसलिए वो ऐसा नहीं कर सकता”
गार्ड ऑफ ऑनर के साथ श्रीकांत चौधरी का अंतिम संस्कार हुआ.
2022 में श्रीकांत को अग्निपथ योजना के तहत आगरा के एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात किया गया था. जानकारी के मुताबिक श्रीकांत ने कथित तौर पर अपनी राइफल से खुद को गोली मारी है. लेकिन श्रीकांत की मौत का वास्तविक कारण पता लगाने के लिए एक जांच बोर्ड का गठन किया गया है.
इंडियन एयरफोर्स के प्रवक्ता विंग कमांडर आशीष मोघे ने कहा कि, “श्रीकांत की मौत किस कारण से हुई, इसका पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है.”
इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई है. सिंद्धांत ने कहा कि “हमें एयरफोर्स ने जांच का आश्वासन दिया है इसलिए अभी हमने कोई एफआईआर दर्ज नहीं कराई है.”
बता दें कि मामले में फिलहाल कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है|
‘श्रीकांत बहुत पॉजिटिव लड़का था, उसके साथ जरूर कुछ गलत हुआ है’
श्रीकांत के जीजा नीरज पटेल ने कहा कि, “श्रीकांत एक होनहार लड़का था, पढ़ाई में अच्छा था. वो खुद सबको सलाह देता था, बहुत पॉजिटिव था जरूर उसके साथ कुछ गलत हुआ है. वो आत्महत्या नहीं कर सकता.”
नीरज पटेल ने सिलसिलेवार तरीके बताया कि:
श्रीकांत के कलीग से फोन पर बात हुई, उन्होंने बताया कि उसने खुद को मार लिया है और मौके पर उसकी मौत हो गई है. जब तक हम वहां पहुंचे तब तक उसका पोस्टमार्टम नहीं हुआ था. उसकी मौत सीसीटीवी रेंज में दर्ज नहीं हो पाई. उसको तीन गोलियां लगी हैं. एक गोली में ही आदमी की मौत हो जाती है तीन गोलियां उसे कैसे लगी. सभी अधिकारियों का एक सा जवाब है जैसे सभी को पट्टी पढ़ा रखी हो. श्रीकांत के साथ वाले भी बहुत डरे हुए है. हमें आशंका है कि वहां जरूर उसके साथ कुछ तो गलत हुआ है. हाई लेवल जांच होनी चाहिए, सीबीआई को भी जांच करना चाहिए. यहां उसके अंतिम संस्कार में भी जिला प्रशासन को कोई अधिकारी नहीं आया है.
“हमारे घर में सब ठीक है, कोई परेशानी नहीं है, 20 दिन पहले ही श्रीकांत घर पर सबसे मिलकर गया, इसलिए वो ऐसा नहीं कर सकता”
सिद्धांत ने क्विंट हिंदी से कहा कि, “उसकी आत्महत्या से मौत हो ही नहीं सकती. हमारे घर में कोई आर्थिक-मानसिक तनाव नहीं है. कोई परेशानी नहीं है. अभी 12 जून को ही श्रीकांत वापस आगरा लौटा है. वो ठीक था. उसके साथ काम करने वालों ने भी यही कहा कि उसे कोई परेशानी नहीं थी. श्रीकांत की शादी भी नहीं हुई है. जब उसे कोई परेशानी ही नहीं थी तो वो ऐसा क्यों करेगा. उसकी हत्या हुई है, अब वास्तव में क्या-कैसे हुआ ये जांच में पता चलेगा.”
श्रीकांत के पिता मंजीत चौधरी ने कहा कि, “हमें न्याय चाहिए. श्रीकांत की आत्महत्या से मौत नहीं है. अब वो कह रहे हैं कि जांच होगी तभी सब सामने आएगा.”
‘मां की फोन पर रोज बात होती थी’
सिद्धांत अमृतसर में किसी कंपनी में काम करते हैं. उन्होंने क्विंट हिंदी को बताया कि, हमारी मां रोज हम दोनों से फोन पर बात करती थी फिर खाना खाती थी और तब जाकर सोतीं. ये उनका रूटीन है. उनकी हर रोज बात होती. घटना वाले दिन भी मां ने फोन किया था लेकिन श्रीकांत ने उस दिन फोन नहीं उठाया. मां ने सोचा ड्यूटी पर ही होगा.”
सिद्धांत ने कहा, “सुबह 6 बजे हमें एयरफोर्स स्टेशन से फोन आया तब पता चला कि रात को 1 बजे के आसपास हादसा हुआ है. रात को 4 बजे के आसपास भी हमें फोन आया था लेकिन हम उठा नहीं पाए. मेरे जीजा नीरज पटेल दिल्ली में रहते हैं उन्हें फोन करके सूचना दी गई.”
सिद्धांत ने भावुक हो कर कहा कि, “मेरा भाई बहुत अच्छा था. जिगर का टुकड़ा क्या मेरा पूरा जिगरा ही चला गया है. मेरे पापा हम दोनों को सेना की वर्दी में देखना चाहते थे. मैं तो उनका सपना पूरा नहीं कर पाया लेकिन मेरे भाई ने सपना पूरा किया. लेकिन ये सब बुरा हुआ.”
“हमारे घर में सब ठीक है, कोई परेशानी नहीं है, 20 दिन पहले ही श्रीकांत घर पर सबसे मिलकर गया, इसलिए वो ऐसा नहीं कर सकता”
अग्निवीर श्रीकांत चौधरी
श्रीकांत के परिवार के गंभीर सवाल
सिद्धांत ने बताया बातचीत के दौरान कई गंभीर सवाल खड़े किए उन्होंने कहा:
“ड्यूटी पर तैनाती के समय की घटना है, अधिकारियों ने बताया उन्हें श्रीकांत का शव तब मिला जब शिफ्ट चेंज होती है. हमें अधिकारियों ने बताया उसे तीन गोलियां लगी हैं, फिर एयरफोर्स बेस पर किसी को आवाज क्यों नहीं आई?”
“ड्यूटी पर जहां उसकी तैनाती थी वहीं सीसीटीवी कैमरा का कवरेज है लेकिन जिस जगह उसे तीन गोलियां लगी उस जगह पर सीसीटीवी का कवरेज नहीं है, ऐसा कैसे हो सकता है?”
“उसे तीन गोलियां लगी, अगर उसने खुद को गोली मारी है तो कोई तीन गोली कैसे मार सकता है, राइफल से भेजे में एक गोली मारने पर ही काम खत्म हो जाता है. फिर तीन गोलियों की बात कैसे आई?”
“घर में कोई परेशानी नहीं थी. 20 दिन पहले वो घर पर परिवार के साथ था. खुश था. वह शादीशुदा भी नहीं है. रोज मां के साथ अच्छे से फोन पर बात कर रहा था. वो पॉजिटिव था, फिर वो आत्महत्या क्यों करेगा?”
सिद्धांत ने कहा, “जरूर उसके साथ कोई गड़बड़ हुई है, किसी ने उसे मारा है. जांच होनी ही चाहिए. हमें पता लगना चाहिए कि उसके साथ ये सब कैसे हुआ?”
सौजन्य :द क्विंट
नोट: यह समाचार मूल रूप से hindi.thequint.com/ में प्रकाशित हुआ है|और इसका उपयोग पूरी तरह से गैर-लाभकारी/गैर-व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से मानव अधिकार के लिए किया गया था|