आयोग का निरीक्षण:कन्या आदिवासी आश्रम में यौन शोषण के आरोप
राज्य बाल आयोग द्वारा झाबुआ के सरकारी आदिवासी कन्या आश्रम में निरीक्षण के बाद यौन शोषण का मामला सामने आया है। झाबुआ कलेक्टर द्वारा आरोपी चौकीदार को निलंबित कर दिया है और आश्रम की वार्डन इंद्रा परमार पर भी कार्रवाई के आदेश हुए हैं।
मामला झाबुआ के कंजवानी सरकारी आदिवासी कन्या आश्रम का है। यहां पहली से पांचवी और छठी से बारहवीं तक की लड़कियों के लिए दो अलग-अलग आश्रम (हॉस्टल) हैं। 12वी तक के आश्रम की लड़कियों ने पहले चौकीदार द्वारा दुर्व्यवहार की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की थी।
राज्य बाल आयोग को शिकायत मिलने पर आयोग के सदस्य ओंकार सिंह और बाल कल्याण समिति सदस्यों ने शुक्रवार को दौरा किया।लड़कियों ने शिकायत की कि वार्डन चौकीदार को रात में या किसी समय छोड़कर चली जाती थीं। चौकीदार मांगीलाल बात बात पर नाबालिग लड़कियों की कॉलर पकड़कर मारपीट करता था।
खाना भी ठीक नहीं मिलता और लड़कियों से चादर आदि के भी पैसे लिए जाते थे। आयोग के सदस्य ओंकार सिंह ने भास्कर से चर्चा में कहा कि शनिवार को मामला कलेक्टर झाबुआ के संज्ञान में लाया गया है। उन्होंने कहा कि नाबालिग लड़कियों को गलत नीयत से छूना यौन शोषण है जो पॉक्सो के तहत अपराध है।
पॉक्सो और अन्य प्रावधानों में कार्रवाई होगी
चौकीदार को निलंबित कर दिया है, वार्डन पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। असिस्टेंट कमिश्नर (ट्राइबल) को जांच सौंपी गई है। आरोप सही मिले तो पॉक्सो और अन्य प्रावधानों में कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
तन्वी हुड्डा, कलेक्टर झाबुआ
सौजन्य : Dainik bhaskar
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