Gonda News: दलित रमई हत्याकांड में सीबीसीआईडी ने दर्ज की नई एफआईआर
तरबगंज/गोंडा। पकड़ी बाजार में छह साल पहले हुए दलित रमई हत्याकांड की तफ्तीश के दौरान प्रकाश में आए अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय से गैरजमानती वारंट जारी होने के बावजूद पुलिस खाली हाथ है। आरोपियों ने आत्मसमर्पण भी नहीं किया है। ऐसे में जांच एजेंसी सीबीसीआईडी प्रयागराज के अपर पुलिस अधीक्षक व विवेचक समीर सौरभ ने चार हत्यारोपियों के खिलाफ नई प्राथमिकी दर्ज कराई है।
चार जून 2017 को पकड़ी निवासी दलित रमई को गोली मार दी गई थी, जिसमें इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मृतक की पत्नी सुंदरपति ने पकड़ी ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान राधेश्याम दूबे समेत चार के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
मुकदमे की विवेचना सीओ से शुरू होकर सीबी सीआईडी तक पहुंची। मामले के वर्तमान विवेचक सीबी सीआईडी प्रयागराज समीर सौरभ ने नामजद आरोपियों को दोषमुक्त पाते हुए पकड़ी के प्रधान विवेक कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह, उनके भाई वीरेंद्र कुमार सिंह उर्फ गुड्डू सिंह, मरगूबपुर के प्रधान पति राजेंद्र पांडेय उर्फ तित्तिर व हनुमान दूबे निवासी पकड़ी को दलित रमई की हत्या का आरोपी बनाया।
प्रकाश में आए अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय विशेष न्यायाधीश, एससी-एसटी एक्ट ने बीते 30 अगस्त को गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था। इसके बाद 18 अक्तूबर को न्यायालय ने धारा-82 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही की है।
इसके बावजूद अभियुक्तों को न तो पुलिस गिरफ्तार कर सकी और न ही अभियुक्तों ने आत्मसमर्पण किया। अब सीबीसीआईडी प्रयागराज के अपर पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने विवेक सिंह, वीरेंद्र सिंह, राजेंद्र पांडेय व हनुमान दुबे समेत चार लोगों के खिलाफ तरबगंज थाने में केस दर्ज कराया है।
14 बार बदले जा चुके हैं विवेचक
हत्या के मामले में परिजनों ने एफआईआर कराई तो मामले की विवेचना शुरू हुई। इसमें सात साल में कुल 14 विवेचक बदले जा चुके हैं। मृतक रमई की पत्नी सुंदरपति का आरोप है कि मुकदमे के मुख्य आरोपियों का नाम हटाकर अब सहयोगियों को ही आरोपी बना दिया गया है। वहीं मृतक की पत्नी ने बीते दिनों लखनऊ में अधिकारियों से मिलकर मामले में निष्पक्ष जांच की मांग भी की थी।
सौजन्य : अमर उजाला
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