भू-माफियाओं ने दलित की जमीन पर कब्जा कर बना दिया मस्जिद, पीड़ित बोला- न्याय नहीं मिला तो मुख्यमंत्री कार्यक्रम में करूंगा आत्महत्या|
अलीगढ़ के थाना क्वार्सी इलाके के किशनपुर के रहने वाले श्योदान सिंह की धौर्रा माफी में काफी पुरानी पट्टे की जमीन थी. श्योदान सिंह परिवार की आर्थिक तंगी के चलते अपनी जमीन की 1997 में मोहम्मद तारीक और मोहम्मद साबिर के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी कर दी, लेकिन दोनों के द्वारा पैसा नहीं दिया गया तो श्योदान सिंह ने 2 महीने बाद ही दोनों के नाम की गई पावर ऑफ अटॉर्नी खत्म कर दी|
अलीगढ़ में मेवात जैसा कांड, सरकारी जमीन पर कब्ज़ा कर बनाई मस्जिद-ईदगाह पीड़ित ने कहा अगर न्याय नहीं मिला तो मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में करूंगा आत्महत्या|
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के थाना क्वार्सी इलाके के किशनपुर के रहने वाले पीड़ित ने आरोप लगाया है कि उसकी जमीन पर भू-माफियाओं ने पहले तो कब्जा किया और उसके बाद जमीन पर बिना प्रशासन की अनुमति के मस्जिद का निर्माण कार्य कर दिया. इतना ही नहीं भू-माफियाओं ने जमीन के अन्य हिस्सों में प्लॉटिंग कर दी है. पीड़ित जब भू-माफियाओं के पास पहुंचा तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी, जिसकी शिकायत पीड़ित के द्वारा सीएम पोर्टल और जिलाधिकारी से लेकर पुलिस के बड़े अधिकारियों से की, लेकिन उसे न्याय नहीं मिला. अब पीड़ित का कहना है कि अगर उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है तो वह 19 तारीख को मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में आत्महत्या कर लेगा|
दरअसल, अलीगढ़ के थाना क्वार्सी इलाके के किशनपुर के रहने वाले श्योदान सिंह की धौर्रा माफी में काफी पुरानी पट्टे की जमीन थी. श्योदान सिंह परिवार की आर्थिक तंगी के चलते अपनी जमीन की 1997 में मोहम्मद तारीक और मोहम्मद साबिर के नाम पावर ऑफ अटॉर्नी कर दी, लेकिन दोनों के द्वारा पैसा नहीं दिया गया तो श्योदान सिंह ने 2 महीने बाद ही दोनों के नाम की गई पावर ऑफ अटॉर्नी खत्म कर दी. उसके बाद वह अपने परिवार के साथ गुड़गांव चले गए, लेकिन जब वह गुड़गांव से 2010 में वापस लौटे और अपनी जमीन पर गए, जहां जिला प्रशासन द्वारा घोषित भू-माफिया साबिर और तारीक के द्वारा जमीन पर कब्जा कर लिया गया. इतना ही नहीं दोनों दबंग भू-माफियाओं के जमीन पर प्लाटिंग के साथ-साथ वहां पर मस्जिद का निर्माण भी करा दिया गया. जब इसकी शिकायत दोनों लोगों से की तो उसने श्योदान को जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद श्योदान ने पूरे मामले की जानकारी जिलाधिकारी और एसपी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीएम पोर्टल पर की. लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के चलते क्षेत्रीय लेखपाल ने घर बैठे ही पॉजिटिव रिपोर्ट लगाकर जांच सबमिट कर दी.
मंगलवार को पीड़ित के भतीजे राजेंद्र सिंह निडर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि अगर उसे न्याय नहीं मिला तो वह 19 तारीख को अलीगढ़ में होने वाले मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में पहुंचकर आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने कहा कि चाचा के द्वारा कई बार जिला प्रशासन से अनुरोध किया गया है कि उनकी जमीन उनको वापस दिलाई जए. जमीन दिलाने की तो बात छोड़िए लेकिन प्रशासन के द्वारा आज तक पूरे मामले में कोई कार्रवाई नहीं कराई जा रही. राजेंद्र निडर का कहना है कि उनके चाचा श्योदान सिंह को न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेंगे. हम चाचा को समझने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन चाचा बार-बार इसी बात को कहते हैं|
सौजन्य : न्यूज़ 18
दिनाक :18 अक्टूबर 20 23
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