”जो लोग मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं वो किसानों, दलितों की समस्याएं कभी नहीं समझेंगे”

लखनऊ, 11 अगस्त (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं वे किसानों, गरीबों, दलितों और पिछड़ों की समस्याओं को कभी नहीं समझेंगे।
योगी ने कहा कि उनकी सरकार किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने राज्य विधानसभा में बाढ़ और सूखे पर बहस का समापन करते हुए कहा, ‘जो लोग चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं, वे गरीब किसानों, दलितों या पिछड़े वर्ग की समस्याओं को नहीं समझेंगे। उन्होंने उनके लिए क्या किया, यह पूरा राज्य और देश जानता है।’
विधानसभा में नेता विपक्ष अखिलेश यादव के संबोधन के बाद योगी ने कहा, ‘‘अपने एक घंटे के भाषण में सपा अध्यक्ष ने मुख्य विषय से भटकते हुए सिर्फ गोरखपुर में जलभराव की समस्या का जिक्र किया।’’
योगी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि 2014, 2017, 2019 और 2022 में लोगों ने जो जनादेश दिया था, वह यूं ही नहीं था।’’
मुख्यमंत्री अभी गोरखपुर से विधायक हैं और इससे पहले वह कई बार इस क्षेत्र का लोकसभा में प्रतिनिधित्व कर चुके हैं ।
उन्होंने जोर देकर कहा, ”चिंता मत कीजिए, 2024 में भी खाता नहीं खुलेगा और डबल इंजन सरकार दोबारा बनेगी।’’ राज्य में बारिश ठीक से नहीं होने और स्थिति अच्छी नहीं होने पर जोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के आधे हिस्से में कम बारिश हुई है ।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमने पहले बैठकें कीं, रणनीति बनाई और जहां भी जरूरत थी, उस पर काम किया। अभी भी उत्तर प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम किसानों को अधिकतम सुविधा देने और इससे प्रभावित लोगों को मुआवजा देने पर काम कर रहे हैं। सिंचाई विभाग की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं और बिजली निगम भी अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति कर रहा है। अधिकारी और मंत्रीगण इसी उद्देश्य से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव के बीच जारी खींचतान पर भी कई बार कटाक्ष किया । योगी ने शिवपाल को भविष्य का अपना रास्ता पहले से चुनने का भी सुझाव दिया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहली बार उनके नेतृत्व में सरकार ने 2017 में महिलाओं के लिए चावल, आटा, आलू, दाल, नमक, मसाले, मिट्टी का तेल और गरिमा किट के साथ राहत किट स्थापित करने का फैसला किया, जिसे राज्य के पश्चिमी क्षेत्र के प्रभावित लोगों के बीच वितरित किया जा रहा है।
अखिलेश के खिलाफ हमला तेज करते हुये योगी ने कहा कि विपक्ष के नेता गोरखपुर में जलजमाव की समस्या पर चिंता दिखा रहे हैं । इसके साथ ही उन्होंने याद दिलाया कि कैसे उनके जिले (गोरखपुर) के साथ-साथ पूरे पूर्वी जिलों को एन्सेफेलाइटिस की समस्या का सामना करना पड़ा था।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी ने चार बार सरकार में आने के बावजूद इस बीमारी को समाप्त करने के लिये कुछ नहीं किया।
योगी ने कहा, एन्सेफेलाइटिस से पूर्वी उत्तर प्रदेश में चालीस साल में 50 हजार बच्चों की मौत हुई। प्रदेश में समाजवादी पार्टी को चार बार सत्ता संभालने का मौका मिला था। क्या इसके कारण जो लोग मारे गए वे पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नहीं थे । आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए अखिलेश यादव ने नया शब्द पीडीए गढ़ा है और अक्सर कहते हैं कि पीडीए, एनडीए (राजग) का सफाया कर देगा ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ये बताने में गर्व होता है कि भाजपा सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में एन्सेफेलाइटिस का समूल नाश कर दिया। आज आप गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, बस्ती, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती, गोंडा, पीलीभीत, लखीमपुर और सहारनपुर तक जाइये, यह समस्या समाप्त हो चुकी है, बस घोषणा होना बाकी है।’’
सरकारी अस्पतालों की स्थिति पर अखिलेश यादव द्वारा व्यक्त की गई चिंता का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सरकारी अस्पताल में मरीज इसलिए आ रहा है कि उन्हें डॉक्टर एवं दवाएं मिल रही हैं ।
उन्होंने कहा कि प्रदेश के अंदर 10 करोड़ लोगों को आयुष्मान भारत की सुविधा मिल रही है, वो आपके लिए जाति हो सकती है, वोट बैंक का मुद्दा हो सकता है पर हमारे लिए परिवार का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हमें विरासत में जर्जर व्यवस्था मिली थी, उसे सुधारने में वक्त जरूर लगेगा मगर वहां उमड़ती भीड़ ये बताती है लोगों का इस व्यवस्था में विश्वास भी बढ़ा है।
उन्होंने कहा, ‘हमें एक जर्जर व्यवस्था मिली थी, और इसे सुधारने में समय लगेगा, भीड़ आ रही है और यह उनके आत्मविश्वास को दर्शाता है।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सरकार पहली सरकार है जिसने अन्नदाता किसानों के हित में निर्णय किये थे। हमने अपने पहले कार्यकाल में वन्य जीव और मानव संघर्ष को आपदा की श्रेणी में लाने का काम किया है ।
उन्होंने कहा, ”नेता विरोधी दल से पूछना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित 55 लाख लोग क्या पीडीए का हिस्सा नहीं हैं । क्यों नहीं अब तक इन्हें आवास मिला था, क्योंकि वो दलित और गरीब थे। 2017 से अब तक 55 लाख लोगों को आवास दिलाये गये हैं।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोहिया आवास में आप सपा के कैडर को आवास देते थे। सपा कार्यालय ये तय करता था कि किसको आवास मिलना है।
उन्होंने कहा, ‘लेकिन अब, राज्य या केंद्र सरकारों का कोई हस्तक्षेप नहीं है।’
जब प्रधानमंत्री आवास की घोषणा हुई, तब केंद्र में कांग्रेस और प्रदेश में सपा की सरकार थी, उस वक्त की सूची को हमने स्वीकार करते हुए सभी को मकान देने का कार्य किया है।
इससे पहले राज्य विधानसभा में बोलते हुए, अखिलेश यादव ने टमाटर की कीमतों में वृद्धि का मुद्दा उठाया और कमजोर वर्ग के लिए कल्याणकारी योजनाओं के अधिक प्रभावी कार्यान्वयन के लिए जाति जनगणना करने की जरूरत पर बल दिया ।
सौजन्य : The print
नोट : समाचार मूलरूप से theprint.in में प्रकाशित हुआ है ! मानवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित !