मेरठ में राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन:शिक्षित बनोगे तभी होगा समाज का उद्धार होगा- राज रतन अंबेडकर
मेरठ। 1857 में जिस ऐतिहासिक मैदान पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का भाषण हुआ था। उसी मैदान पर रविवार को राष्ट्रीय बोध महासम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्यों के हजारों दलित समुदाय के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। मुंबई से मुख्य अतिथि के रुप में पधारे डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पोत्र राज रतन ने कहा कि वह अपने बच्चों को शिक्षित बनाएं।
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता महमूद प्रचा ने कहा कि आज का दिन मेरठ के लिए ऐतिहासिक दिन है इसी मैदान पर 1957 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने समाज के लिए ऐतिहासिक भाषण दिया था जिसके बाद से यह पहला राष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन है जोकि बाबा साहब को समर्पित है। उन्होंने कहा कि दलित काफी शिक्षित हो रहा है। लेकिन अभी और होने की आवश्यकता है। भीम आर्मी के प्रमुख विनय रतन ने कहा कि अभी भी देश के कई इलाके ऐसे हैं जहां पर दलितों के साथ अत्याचार की घटनाएं हो रही है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए समाज को आगे आना होगा। हमें अपनी लड़ाई खुद लड़नी है।
दलित समाज को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आगे आना होगा- दिलीप मंडल
दिलीप मंडल ने कहा कि अब समय आ गया है जी दलित समाज को अपने अधिकारों की लड़ाई के लिए आगे आना होगा। उन्होंने किसी का नाम ले लेते हुए कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीतिक दल दलगत भावना से काम कर रहे हैं जिसका प्रभाव समाज में साफ तौर पर देखा जा रहा है जबकि कानून के अंदर इस तरह का कोई भी प्रावधान नहीं है।
दलित समाज को अपने को मजबूत करने के लिए आगे आना होगा- प्रोफेसर सतीश
मेरठ कॉलेज के प्रोफेसर सतीश प्रकाश ने कहा कि अभी भी समय है दलित समाज को समझ जाना चाहिए। दलित समाज को अपने को मजबूत करने के लिए आगे आना होगा। सम्मेलन में डॉक्टर मुकुट सिंह बृजपाल सिंह अधिवक्ता राजकुमार भजन गायक शशि भूषण विजय बौद्ध चंदन सिंह रैदास आदि ने अपने उजक भाषण से कार्यक्रम में समा बांध दिया।
कार्यक्रम में ये लोग रहे उपस्थित
कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक माध्यम से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया। कार्यक्रम के मुख्य संयोजक बनते सुमित रतन ने बताया कि सम्मेलन में यूपी, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान और पंजाब के लोगों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया।
नोट : Dainik bhaskar
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