सरकारी स्कूल में दलित बच्चों से भेदभाव, धुलवाए झूठे बर्तन
राजस्थान के जालौर में हुई दलित छात्र की पिटाई से मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि मध्य प्रदेश से एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है. दरअसल मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले से 50 किलोमीटर दूर चरगवां थाना क्षेत्र से सटे सूखा गांव में दलित बच्चों से सरकारी स्कूल में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. यहां दलित वर्ग के विद्यार्थियों से खाने के बर्तन धुलवाए गए हैं. मध्यान्ह भोजन खाने के बाद उन्हीं बच्चों से सार्वजनिक रूप से बर्तन धुलवाए गए. इसकी शिकायत बकायदा एक शिकायतकर्ता ने कलेक्टर से लेकर आला अधिकारियों से की है.
शिकायतकर्ता के मुताबिक चरगवां क्षेत्र के ग्राम सूखा में संचालित एकीकृत माध्यमिक शाला में मध्यान्ह भोजन के बाद दलित छात्र-छात्राओं से ही उनके बर्तन धुलवाए गए. बल्कि लगातार कई दिनों से सहायता समूह इन विद्यार्थियों से डेली बर्तन धुलवाते हैं. हैरानी की बात तो यह है कि अभिभावकों ने इसका जमकर विरोध भी किया था लेकिन समूह संचालकों ने गाली गलौज करते हुए उनके साथ मारपीट की भी कोशिश की और स्कूल से भगा दिया. इसको लेकर कई बार स्कूल प्रबंधन की शिकायत के बाद भी आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. बर्तन धूलवाने के मामले को सामने लाने वाले बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता ने कलेक्टर से लेकर आला अधिकारियों से दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
बसपा कार्यकर्ता ने की शिकायत
बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता सुनील अहिरवार ने अपने शिकायत पत्र में लिखा है कि हमारे गांव सूखा भारतपुर थाना चरगवां के सरकारी स्कूल में 15 अगस्त को स्कूल के बच्चों से खाने के बर्तन धुलवाये गए. जब मैनें इसका विरोध किया तो मुझसे भी गालीगलौज की गई. यह पहली बार नहीं है. अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से हमेशा मध्यान्ह भोजन देने के बाद बर्तन उन्हीं बच्चों से सार्वजनिक धुलवाए जाते हैं. वहां के स्कूल प्रधान और अन्य टीचर से बोलने के बाद भी, भोजन परोसने वालों को कभी समझाया नहीं गया.
दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
सुनील अहिरवार ने आरोप लगाया कि उसके शिकायत करने के बाद लगातार उसे धमकियां मिल रही है और शिकायत वापिस लेने के लिए तरह-तरह के तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं. लेकिन शिकायतकर्ता का कहना है कि हम दलित लोग हमेशा उत्पीड़न सहते आए हैं, लेकिन अब नहीं सहेंगे. सुनिल अहिरवार ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.
बच्चों से झूठे बर्तन धुलवाए
वहीं शिकायत करने के बाद 16 अगस्त को कलेक्टर से शिकायत करने के बाद जांच के लिए शहपुरा से बीआरसी की दो सदस्यीय टीम मौके पर पहुंची थी. जिन्होंने जांच के नाम पर खानापूर्ति कर शिकायतकर्ता को ही गलत ठहराया. शिकायतकर्ता ने बताया कि जांच टीम ने जबरदस्ती एक कागज में हस्ताक्षर करवाए हैं और कहा कि तुमने ही खुद जबरदस्ती बच्चों से झूठे बर्तन धुलवाएं हैं. आरोप है कि एक कागज में हस्ताक्षर करवा लिए गए. शिकायतकर्ता का कहना है कि वह इस जांच से संतुष्ट नहीं है. बसपा नेता ने कहा कि शासन प्रशासन से मांग की कि पूरे मामले की दोबारा जांच की जाए.
सौजन्य : Tv9hindi
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