दलित महिला की कब्र JCB से खोदकर लाश को ट्रैक्टर में डाला, कहा ले जाओ घर में गाड़ो
दलितों की प्रताड़ना और जातिवाद की घटनायें तो आपने हमेशा सुनी होंगी कि दलित का शव शमशान में जलने नहीं दिया तो किसी की चिता से हटा दिया गया। इससे एक कदम आगे बढ़कर एक मामला राजस्थान से सामने आया है।
जहाँ दलित महिला को मरने के बाद भी शव को दफनाने के लिए 2 गज जमीन भी नसीब नहीं होने देते हैं। ऐसा ही एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उसके शव के साथ अमानवीय व्यवहार हुआ।
महिला के शव को दफनाने के 3 दिन बाद गांव के दबंगों ने परिवार पर दबाव डालकर शव को जेसीबी से खोदकर मिट्टी सहित ट्रैक्टर में भरवा दिया और फरमान सुना दिया कि अपने घर में ले जाकर इसे गाड़ो।
यह घटना बाड़मेर जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर रामसर का कुआ ग्राम पंचायत की है जहां ढाढ़ी समाज से आने वाली 90 वर्षीय अणसी देवी का 27 जून को निधन हुआ था। जिसके बाद परिजनों और समाज के लोगों ने गांव के ही सार्वजनिक शमशान घाट की चारदिवारी के पास उसको दफना दिया था।
यह बात गांव के दबंगों को नागवार गुजरी और उन्होंने उस परिवार के लोगों को धमकाकर ये फरमान सुना दिया कि आप इस लाश को कब्र से निकालकर वापस अपने घर ले जाओ नहीं तो आपका हुक्का पानी बंद कर देंगे।
3 दिन तक चले इस मामले में पीड़ित परिवार ने प्रशासन को भी इसकी सूचना दी थी लेकिन प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की और गुरुवार शाम को गांव के दबंगों ने जेसीबी मशीन से कब्र खोदकर मिट्टी सहित शव को एक ट्रैक्टर में लोड करवा दिया। इस दौरान दबंगों ने पीड़ित परिवार को कहा कि अब अपने घर में ले जाकर इसे गाड़ दो।
इस पूरे मामले की बाड़मेर जिले के मुखिया जिला कलेक्टर लोक बंधु और उपखंड अधिकारी समुद्र सिंह भाटी को सूचना देने के बावजूद गरीबों की एक भी नहीं सुनी गयी। कोई कार्रवाई नहीं की गयी। जिसके बाद देर रात अणसी देवी के परिवार वालों ने शव का अपने खेत में ही वापस अंतिम संस्कार किया।
सौजन्य : The netizen news
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