वीरांगना दुर्गावती की शौर्य गाथा पाठ्यक्रम में पढ़ेंगे छात्र
जबलपुर। नई शिक्षा नीति के बाद से कई बदलाव हुए हैं। मेजर सब्जेक्ट्स के साथ-साथ माइनर और फाउंडेशन कोर्स तक में चेंजेस हुए हैं। ऐसा ही बदलाव नए सत्र से फाउंडेशन कोर्स में भी नजर आएगा। जहां प्रदेश स्तर पर छात्र महिला सशक्तिकरण की नई कहानियों से रूबरू होंगे। इन कहानियों में प्रदेश की इतिहास में दर्ज महिलाओं की कहानियों को शामिल किया जाएगा।
सेकंड ईयर के छात्रों को विशेष अध्ययन-
न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में सैकंड ईयर के छात्रों को महिला सशक्तिकरण पर एक अध्ययन करना होगा। इसमें ऐतिहासिक और वर्तमान महिला प्रतीकों पर अध्याय शामिल होंगे। इसमें सरकार की महिला सशक्तिकरण नीतियों के बारे में भी बताया जाएगा। राज्य सरकार नई शिक्षा नीति के तहत कला, विज्ञान और वाणिज्य के छात्रों के लिए 50 अंक का विषय शुरू कर रही है।
इन महिलाओं की पढे़ंगे कहानियां-
फाउंडेशन कोर्स में छात्र गौंड महारानी रानी दुर्गावती, मालवा की रानी अहिल्या बाई होल्कर, दलित महिला अधिकार कार्यकर्ता सावित्री बाई फुले, मुक्केबाज मैरी कॉम, सामाजिक कार्यकर्ता और पद्मश्री पुरस्कार विजेता महिलाओं के बारे में भी जान सकेंगे। पाठ्यक्रम छात्रों को महिला सशक्तिकरण सहायक एजेंसियों, गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों और पंचायती राज संस्थानों के बारे में जानने में भी मदद करेगा।
फाउंडेशन कोर्स में शामिल-
कॉलेजों में पढ़ाए जाने वाले फाउंडेशन कोर्स में छात्र अंग्रेजी, हिंदी, उद्यमिता और अब महिला सशक्तिकरण के बारे में भी पढ़ेंगे। पाठ्यक्रम के मसौदे के अनुसार, छात्र भारत में महिला सशक्तिकरण के इतिहास, अवधारणा और विभिन्न आयामों को समझ सकेंगे। साथ ही वे महिला सशक्तिकरण से संबंधित संवैधानिक प्रावधानों, कानूनों और नीतियों को समझेंगे।
सौजन्य : patrika.com
नोट : यह समाचार मूलरूप से patrika.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !