एग्जिट पोल से समझिए उत्तर प्रदेश के 6 सवालों का जवाब
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की वोटिंग के बाद आए एग्जिट पोल योगी आदित्यनाथ सरकार की वापसी की भविष्यवाणी कर रहे हैं। लगभग सभी एग्जिट पोल में यूपी में बीजेपी जीत की भविष्यवाणी की गई है। एग्जिट पोल्स में तमाम झंझावातों और एंटी इनकम्बेंसी को धता बताते हुए जनता ने योगी सरकार पर भरोसा जताया है। हालांकि अंतिम नतीजे 10 मार्च को आएंगे तबतक एग्जिट पोल्स के नतीजे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए खुशखबरी तो दे ही गया है। अगर एग्जिट पोल्स का अनुमान नतीजों में बदलते हैं तो ये बीजेपी के लिए बड़ी जीत होगी। ऐसे में समझना होगा कि पश्चिम से लेकर पूर्व तक आखिर ऐसे कौन-कौन से समीकरण रहे जो सत्तारूढ़ दल की जीत में भूमिका निभाए हैं।
क्या अखिलेश-जयंत के साथ जाट नहीं आए?
किसानों की नाराजगी और स्थानीय मुद्दों पर कहा जा रहा था कि पश्चिम यूपी में बीजेपी के लिए मुश्किल बढ़ने वाली है। लेकिन अगर एग्जिट पोल्स को देखें तो नतीजे उस दिशा में तो नहीं ही दिख रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है। पहले चरण की 58 सीटों में बीजेपी एक बड़ा हिस्सा जीतती दिख रही है। आज तक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल में तो बीजेपी को 49 सीटों पर जीत मिलती दिख रही है जबकि समाजवादी पार्टी गठबंधन को महज 8 सीटें ही मिलती दिख रही है। यहां बीएसपी को एक और कांग्रेस को शून्य सीटों का अनुमान लगाया गया है। एबीपी- सी वोटर के अनुसार पहले चरण में बीजेपी को 28-32 सीटों का अनुमान है एसपी को 23-27 सीटें मिलती दिख रही है। यहां बीजेपी को नुकसान होते तो दिख रहा है लेकिन फिर भी वह एसपी से आगे दिख रही है। यानी अखिलेश ने जयंत के साथ जिस उम्मीद के साथ इस इलाके में गठबंधन किया था कम से कम वह पूरा होता नहीं दिख रहा है। जाटों का बड़ा तबका भी बीजेपी के साथ खड़ा दिखा। यानी जिस नाराजगी की उम्मीद एसपी-आरएलडी गठबंधन कर रही थी वो वहां नहीं दिखी।
कानून-व्यवस्था पर योगी मार गए बाजी!
यूपी चुनाव से पहले और चुनाव प्रचार के दौरान भी सीएम योगी आदित्यनाथ और पीएम नरेंद्र मोदी कानून का राज और माफिया राज खत्म करने का खास जिक्र करते थे। सीएम योगी अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाना जनता को पसंद आया और उन्होंने खुलकर बीजेपी को समर्थन दिया। दूसरे चरण में कुल 55 सीटों पर वोटिंग हुई थी। इस चरण में मुस्लिम बहुल इलाके थे लेकिन यहां भी बीजेपी एग्जिट पोल्स के अनुसार बहुत अच्छा करती दिख रही है।
महिला सुरक्षा सबपर भारी
इस चुनाव में महिला सुरक्षा भी एक बड़ा मुद्दा रहा। इस चुनाव में महिलाओं ने बड़े पैमाने पर वोटिंग की। उत्तर प्रदेश के 7 चरणों में से तीन चरण में महिलाओं ने पुरुष मतदाताओं की तुलना में अधिक वोट डाले। इस दौरान पुरुष मतदाताओं ने जहां 51.03 फीसदी वोट डाले जबकि महिला वोटरों ने 62.62 प्रतिशत वोटिंग की। बीजेपी अपने प्रचार के दौरान लगातार महिलाओं की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को मुद्दा बनाया। राशन और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का महिला मतदाताओं पर बहुत असर था। अगर एग्जिट पोल के नतीजे भी अंतिम परिणाम में बदलते हैं तो निश्चित तौर पर महिला सुरक्षा का इन नतीजों पर असर होगा।
तो क्या ध्रुवीकरण के कारण हो गया खेला?
अगर एग्जिट पोल की माने तो पश्चिम यूपी के पहले दो चरण की वोटिंग में ध्रुवीकरण साफ दिख रहा है। आज तक एक्सिस माय इंडिया के एग्जिट पोल के अनुसार पहले चरण में बीजेपी को 49 और दूसरे चरण में 32 सीटें मिलने का अनुमान है। दूसरे चरण में बीजेपी को 42 फीसदी वोट मिल रहे हैं। दूसरे चरण में सीएम योगी से लेकर पार्टी के कई बड़े नेताओं ने ऐसे बयान भी दिए जिसका असर पड़ा है।
दलित वोटर्स मायावती से हो गए दूर?
अगर एग्जिट पोल के मुताबिक ही नतीजे आते हैं तो फिर साफ हो जाएगा कि उत्तर प्रदेश में दलित वोटर्स बहुजन समाज पार्टी की जगह एक बार फिर बीजेपी की तरफ गए हैं। हालांकि जाटव वोटर जरूर बीएसपी के साथ बड़े स्तर पर दिखे हैं लेकिन दलित बिरादरी के अन्य वोटर्स बीजेपी की तरफ जाते दिखे। 2017 के चुनाव में भी दलित वोटर्स बड़े पैमाने पर बीजेपी के साथ गए थे। जमीनी स्तर पर ऐसा कहा जा रहा था कि जहां बीएसपी मजबूत नहीं थी वहां दलित वोटर बीजेपी के साथ चले गए।
समाजवादी पार्टी को नहीं मिला गैर यादव ओबीसी का साथ?
समाजवादी पार्टी ने चुनाव से ठीक पहले बीजेपी से स्वामी प्रसाद मौर्य समेत कई बड़े नेताओं के पार्टी में शामिल कर बड़ा दांव चला था। पर अगर एग्जिट पोल के अनुसार ही नतीजे आते हैं तो ये साफ हो जाएगा कि गैर यादव ओबीसी वोटर्स ने अखिलेश यादव की जगह बीजेपी को चुनाव। ऐसे में तमाम सावधानियों के बाद भी अखिलेश गैर यादव ओबीसी मतदाताओं को अपने पाले में करने में सफल होते नहीं दिखे। यादव और मुस्लिम मतदाता तो पूरी ताकत के साथ एसपी के साथ खड़े दिखे। एग्जिट पोल के आंकड़े को माने तो मौर्य के आने का एसपी को कोई फायदा होता नहीं दिख रहा है।
सौजन्य : News4 social
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