महिला और एससी-एसटी वर्ग पर वर्ष 2021 में बढ़े अत्याचार के मामले- पुलिस महानिदेशक
जयपुर, 10 जनवरी (हि.स.)। पुलिस महानिदेशक ने सोमवार को वर्ष 2021 में हुए अपराधों का आंकड़ा जारी किया। महिला और एससी-एसटी वर्ग के साथ अत्याचार के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई। चोरी, डकैती और नकबजनी के मामलों में भी वृद्धि हुई। साल 2021 में लंबित प्रकरणों का प्रतिशत 18.66 प्रतिशत रहा। एससी-एसटी वर्ग के साथ अत्याचार के मामले भी 8 प्रतिशत बढ़े। दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देने के 76 प्रकरण दर्ज हुए हैं, जिनमें से 62 प्रकरणों में चालान पेश किया गया।
पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने वर्ष 2022 की प्राथमिकताएं भी बताते हुए कहा कि वर्ष 2022 में राजस्थान पुलिस की ओर से समाज के कमजोर वर्ग महिला, बच्चे, बुजुर्ग के विरुद्ध अपराधों की रोकथाम और गुणवत्ता पूर्वक अनुसंधान किया जाएगा। इसके साथ ही मादक पदार्थों और अवैध हथियारों पर लगाम लगाने का प्रयास किया जाएगा।
दुष्कर्म के मामलों की जांच का औसत समय घटा
पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि राजस्थान में दुष्कर्म के मामलों की जांच का औसत समय वर्ष 2021 में घटकर 86 दिन रह गया जो कि 2018 में 241 दिन था। पुलिस की मुस्तैदी से वर्ष 2021 में घटकर 86 दिन रह गया है, जो बड़ी उपलब्धि है।
लाठर ने बताया कि राजस्थान पुलिस द्वारा पूर्ण प्रतिबद्धता व निष्ठा से कार्य करने के कारण साल 2019 में महिला अपराधों से संबंधित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण में राजस्थान राज्य देश में प्रथम रहा तथा 2020 में द्वितीय स्थान (बड़े राज्यों) पर रहा। वर्ष 2021 में भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों के पंजीकरण में वर्ष 2019 की तुलना में 4.77 प्रतिशत की कमी हुई है जबकि वर्ष 2021 में भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों के पंजीकरण में वर्ष 2020 की तुलना में 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पुलिस मित्र व ग्राम रक्षकों को भी पुलिस बल से जोड़ा गया
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि इस साल परिवादी को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक ‘‘निर्बाध पंजीकरण” को महत्ता दी गई, जिसे राज्य सरकार द्वारा न केवल समर्थन बल्कि भरपूर प्रोत्साहन दिया गया जिसके बिना इसे लागू करना असम्भव था। राजस्थान पुलिस द्वारा वर्तमान परिदृश्य व भविष्य को ध्यान में रखते हुए दस्तावेज ‘‘विजन 2030‘‘ तैयार किया गया। पुलिस थानों में परिवादियों के लिए सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए अभी तक 663 थानों में स्वागत कक्ष का निर्माण हो चुका है एवं 158 में निर्माण कार्य प्रगति पर है।
इसके अलावा 2020 में “मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराधों” में अपराधियों को सजा की दर राष्ट्रीय औसत 38.90 प्रतिशत की तुलना में राज्य में सजा दर 56.80 प्रतिशत रही है जो राष्ट्रीय औसत से 17.90 प्रतिशत अधिक है।
लाठर ने बताया कि पुलिस के लिए चुनौती बने साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस महकमा लगातार प्रयास कर रहा है। राजस्थान के मेवात में ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं,जो साइबर फ्रॉड करते हैं। प्रदेश में हेल्पलाइन नंबरों पर अप्रैल से नवंबर 2021 में 55 करोड़ 56 लाख रुपए से अधिक की साइबर ठगी की शिकायतें मिलीं। पुलिस ने 5.47 करोड़ रुपए से अधिक की बरामदगी की है। राजस्थान एसओजी ने वर्ष 2021 में 12 मामले दर्ज करके 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। साइबर फ्रॉड रोकने के लिए जिला स्तर पर यूनिट गठित करके प्रयास किए जा रहे हैं।
डीजीपी लाठर ने बताया कि प्रदेश में महिला अत्याचार रोकने के लिए एएसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईयूसीएडब्ल्यू का गठन किया गया है। महिलाओं और नाबालिगों के साथ यौन शोषण समेत जघन्य अपराधों पर निगरानी के लिए हिनियस क्राइम मॉनिटरिंग यूनिट गठित की गई है। इसके अलावा सुरक्षा सखी समूहों के जरिए जागरूकता का प्रयास किया जा रहा है। साल 2021 में महिलाओं और मासूम बालिकाओं के साथ हुए अपराधों में केस ऑफिसर स्कीम के तहत त्वरित कार्रवाई करके दोषियों को सजा दिलाई गई।
अवैध हथियारों के खिलाफ पुलिस ने विशेष मुहिम छेड़ रखी है
अपराध और अपराधियों पर लगाम कसने के लिए पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ विशेष मुहिम छेड़ रखी है। जिसके तहत प्रदेश में आर्म्स एक्ट के तहत 5357 मामले दर्ज किए गए। आर्म्स एक्ट में 5 हजार 924 अपराधियों को गिरफ्तार करके 2 हजार 121 अवैध हथियार और 3 हजार 904 कारतूस समेत अन्य हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा मादक पदार्थों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 2 हजार 989 मामले दर्ज कर 5 हजार 610 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। जिनके कब्जे से बड़ी मात्रा में अवैध मादक पदार्थ भी बरामद किए गए।
पुलिस मुख्यालय स्तर पर 73 पुलिसकर्मियों को विशेष पदोन्नति दी
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पुलिस महकमे ने पुलिसकर्मियों का हौसला बढ़ाने के साथ ही उनकी समस्याओं के लिए विशेष कदम उठाए हैं। साथ ही पुलिस मुख्यालय स्तर पर 73 पुलिसकर्मियों को विशेष पदोन्नति दी गई। अच्छा कार्य करने वाले 294 पुलिसकर्मियों को नगद इनाम और प्रशंसा पत्र भी दिए गए। इसके साथ ही 14 हजार 661 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को डीजीपी डिस्क प्रदान किए गए। राजस्थान पुलिस बेनेवोलेंट फंड से विभाग में तैनात पुलिसकर्मियों के बच्चों को अग्रिम शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति के रूप में 5.16 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए। राजस्थान पुलिस ने वर्तमान परिदृश्य और भविष्य के दृष्टिगत एक ऐतिहासिक दस्तावेज विजन 2030 तैयार किया है।
सौजन्य : Doon horizon
नोट : यह समाचार मूलरूप से doonhorizon.in में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !