विकास के दावे से दूर दलित बस्ती की सूरत
कुशीनगर : शासन व प्रशासन ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की गंगा बहाने का भले ही दावा कर रहा, लेकिन हकीकत इससे अलग है।
विशुनपुरा ब्लाक के चितहां गांव की दलित बस्ती इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
अधूरे आवास व शौचालय, खराब इंडिया मार्क हैंडपंप यहां उपलब्ध सुविधाओं की पोल खोल रहे हैं।
दो टोलों में बंटे चितहा गांव की आबादी लगभग 3350 है दलित बस्ती की तस्वीर काफी बदरंग है।
शौचालय, पेंशन, आवास, शुद्ध जल, स्वास्थ्य, सड़क जैसी बुनियादी सुविधाएं धरातल पर नहीं दिख रही हैं।
बस्ती के अधिकांश लोग झोपड़ी में रहते हैं।
इंडिया मार्क हैंडपंप दूषित जल दे रहे हैं, कई तो सूख गए हैं।
सौजन्य : Nyoooz
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