मद्रास हाईकोर्ट का बड़ा आदेश, कहा- पिंजरे से CBI रूपी तोते को आजाद करे केंद्र सरकार
नई दिल्ली, 18 अगस्त। मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीआई को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई स्वतंत्र संस्था होनी चाहिए और उसे सिर्फ संसद को रिपोर्ट करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई भी सीएजी की तरह स्वतंत्र संस्था होनी चाहिए और सिर्फ संसद को रिपोर्ट करना चाहिए। सीबीआई की मौजूदा स्थिति को लेकर कोर्ट ने कहा कि यह आदेश पिंजरे में बंद तोते (सीबीआई) को आजाद करने की कोशिश है।
2013 में सुप्रीम कोर्ट कहा था पिंजरे में बंद तोता
बता दें कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कोयला आवंटन मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि सीबीआई पिंजरे में बंद तोते की तरह है। उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी और भाजपा विपक्ष में थी। बाजपा ने आरोप लगाया था कि सीबीआई को कांग्रेस सरकार नियंत्रित करती है। पिछले एक साल में सीबीआई ने कई विपक्ष के नेताओं के खिलाफ जांच शुरू की है, जिसके बाद सीबीआई पर आरोप लग रहे हैं वह भाजपा की इशारे पर काम कर रही है।
सीबीआई पर लगते रहे हैं आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने यहां तक कहा था सीबीआई सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंन्वेस्टिगेशन नहीं बल्कि कॉन्स्पिरेसी ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन है जिसे प्रधानमंत्री नियंत्रित करते हैं। सीबीआई की स्वायत्तता को लेकर कोर्ट ने कहा कि भारत सरकार को निर्देश दिया जाता है कि वह इसे संज्ञान में ले और सीबीआई को जल्द से जल्द स्वतंत्र संस्था बनाने के लिए एक्ट लेकर आए और सीबीआई को और ताकत दे। केंद्र सरकार को सीबीआई को स्वतंत्र बनाना होगा और सीबीआई को बिना केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के काम करने की आजादी देनी होगी।
सीबीआई का गठन
बता दें कि सीबीआई का गठन 1941 में हुआ था, सीबीआई डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग को रिपोर्ट करती है जोकि प्रधानमंत्री के अंतर्गत आता है। सीबीआई के डायरेक्टर का चयन तीन सदस्यों की कमेटी करती है जिसमे प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और विपक्ष के एक नेता होते हैं। इससे पहले मंगलवार को तमिलनाडु में कथित 300 करोड़ रुपए के पोंजी घोटाले की सुनवाई के दौरान जस्टिस एन किरुबाकरन और जस्टिस बी पुगलेंदी ने अपने फैसले में कहा था कि सीबीआई और स्वतंत्र किया जाना चाहिए जैसे चुनाव आयोग और सीएजी हैं।
साभार : वन इंडिया .कॉम