2000 साल पुराने ‘तमाशा’ को जानिए, जिससे ज्योतिबा फुले ने की थी क्रांति
विजयी मराठा अखबार ने लिखा था “ब्राह्मणों की ज़मीन के भाड़े बेतहाशा थे… किसानों के पास गांठ में एक पैसा बचना तक मुहाल था! तब किसानों ने तय किया कि वो ब्राह्मणों की ज़मीनों के इतने अत्याचारी ठेके को नहीं […]