दंगों का दर्द: फरिश्ता बनकर पहुंचे थे हाजी बाबू, तब बची थी जैन परिवार के 25 लोगों की जान
कंपकंपाती और थोड़ा ठहर-ठहरकर हिंसा वाले दिन की कहानी बयां करते हुए राजेश जैन आज भी उस दिन को याद करके सिहर उठ रहे थे। हजारों दंगाईयों की भीड़ बस उनके घर में घुसने को तैयार थी। एक पल तो […]