प्रदेश में जंगलराज, दलितों, पिछड़ों और मुस्लिमों पर हो रहा अत्याचार : विश्वनाथ पाल

बसपा के प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल सिंह ने कहा कि प्रदेश में जंगलराज कायम हो गया है। गरीब, दलित, मुस्लिम,पिछड़ों पर आत्याचार हो रहा है। हाथरस में दूधिया और मुस्लिम महिला की हत्या हो गई, सरकार शांत बैठी है। बुलडोजर भी चुप है।
बसपा प्रदेश अध्यक्ष शनिवार को हाथरस पहुंचे और बसपा नेताओं के साथ गांव शीतलवाड़ा और कानऊ पहुंचे। गांव शीतलवाड़ा में चार फरवरी को दूधिया राजेंद्र सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके दो दिन बाद गांव कानऊ में छह फरवरी को मुस्लिम महिला राखी की हत्या कर दी गई। बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने मृतकों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना जताई। गांव कानऊ में बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने महिला के पुत्र फिरोजा खान से बात की।
फिरोजा खान ने कहा कि घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। हत्या में उन पर ही शक किया जा रहा है। बसपा प्रदेश अध्यक्ष ने मौके पर मौजूद एसओ से कहा कि जब महिला ने 2007 फिरोजा खान को गोद ले लिया था और उनके पति ने जमीन-जायदाद उसके नाम कर दी थी। ये लोग हत्या नहीं कर सकते। पुलिस शीघ्र दोषियों को गिरफ्तार करे।
प्रदेशाध्यक्ष बसपा विश्वनाथ पाल सिंह ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी पूरी तरह से पीड़ितों के साथ खड़ी है। उन्होंने शीतलवाड़ा से ही मोबाइल पर पुलिस अधीक्षक हाथरस चिरंजीव नाथ सिन्हा से बात की और नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने कहा कि घटना से बघेल समाज के लोगों में रोष है।
विश्वनाथ पाल सिंह ने कहा कि योगी जी का बुलडोजर गरजता रहता है, लेकिन इन दोनों घटनाओं में चुप है। अलीगढ,अयोध्या,गोरखपुर में भी हत्याएं भी हुई है। गरीब की जान की कोई कीमत नहीं है। प्रदेशाध्यक्ष विश्वनाथपाल सिंह के साथ आए राजपाल सिंह एडवोकेट ने डीआईजी के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया। कॉल पीआरओ ने रिसीव किया, लेकिन डीआईजी से बात नहीं हो पाई।
इस दौरान बहुजन समाज पार्टी के पूर्व मंत्री नौशाद अली, पूर्व जिला सचिव वरिष्ठ सक्रिय सदस्य रतनलाल वाल्मीकि, पूर्व विधानसभाध्यक्ष हेमंत कुमार पुष्कर, जिलाध्यक्ष राजकपूर, सेक्टर अध्यक्ष नेम सिंह, धनगर समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी धनगर मौजूद रहे।
शीतलवाड़ा व कानऊ में तैनात रही पुलिस
हसायन। कोतवाली क्षेत्र के गांव शीतलवाड़ा व कानऊ में 48 घंटे के अंतराल पर हुई हत्या की दो वारदात और बसपा प्रदेश अध्यक्ष के आने की सूचना के बाद दोनों गांवों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया। खुफिया एजेंसियों के अधिकारी भी गांव में पहुंच गए। पुलिस अधिकारियों को गांव में लोगों की मौजूदगी और कितनी भीड़ है, इसकी जानकारी देती रही।
सौजन्य: अमर उजाला
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