Rampur Bushahar News: केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर बनाए एससी/एसटी विशेष विकास निधि कानून
Rampur Bushahar News: केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर बनाए एससी/एसटी विशेष विकास निधि कानून
Shimla Bureau शिमला ब्यूरो
दलित संगठनों ने उपायुक्त शिमला के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन। संवाद.
संवाद न्यूज एजेंसी.
ठियोग (रामपुर बुशहर)। दलित संगठनों ने उपायुक्त शिमला के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति अप योजना का नाम बदलकर एससी/एसटी विशेष विकास निधि कर दिया है। राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकार ने विशेष विकास निधि को अधिनियम बनाया है। विशेष विकास नीति अधिनियम बनने से एससी/एसटी विकास के लिए आवंटित बजट को मात्र एससी एसटी विकास पर ही खर्च किया जाएगा। अन्य कार्य पर इस बजट को खर्च नहीं किया जा सकता। ज्ञापन के माध्यम से मांग की गई कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय स्तर पर एससी/एसटी विशेष विकास निधि कानून बनाया जाए। केंद्र सरकार ने हाल ही में जो बजट पेश किया, इसमें एससी-एसटी की पूरी तरह अनदेखी की गई है। एससी-एसटी कंपोनेंट प्लान के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति की जनसंख्या के आधार पर बजट आवंटित किया जाता है। देश में एससी, एसटी की 33 प्रतिशत आबादी है, उन्हें कुल बजट का 33 प्रतिशत बजट आवंटित करना चाहिए था। केंद्र सरकार ने एससी, एसटी विकास के लिए मात्र पांच प्रतिशत बजट आवंटित किया है, जो देश के करोड़ों दलितों के साथ अन्याय है। उन्होंने मांग उठाई कि एससी-एसटी की जनसंख्या के आधार पर बजट आवंटित किया जाए, ताकि एससी-एसटी का समुचित विकास किया जा सके। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आजादी के 77 साल बाद भी अनुसूचित जाति कल्याण के लिए अलग मंत्रालय नहीं बनाया है। एससी-एसटी विकास के लिए एक समर्पित अलग मंत्रालय की स्थापना की जाए। यह ज्ञापन दलित शोषण मुक्ति मंच, लोक जन वेलफेयर सोसायटी, समाज सुधार सभा, संत श्री रविदास धर्म सभा, बाबासाहेब आंबेडकर वेलफेयर सोसायटी, ऑल इंडिया आंबेडकर महासभा और कोली समाज महासभा की ओर से सौंपा गया। इस मौके पर जगतराम, राजेश गजता, अश्वनी कुमार, कर्मचंद भाटिया, प्रितपाल, अनिल कुमार और बृजेश कुमार सहित अन्य मौजूद रहे।
सौजन्य : अमर उजाला
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