‘जितनी आबादी, उतना हक’ का फीडबैक लें: बीजेपी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव तेजी से नजदीक आ रहे हैं और विपक्षी नेता ‘जितनी आबादी उतना हक’ (जनसंख्या के अनुपात में अधिकार) पर जोर दे रहे हैं, ऐसे में भाजपा ने अपनी राज्य इकाइयों से इस मांग और इसके ‘वास्तविक प्रभाव’ पर फीडबैक लेने को कहा है। महत्वपूर्ण चुनावी लड़ाई से पहले मैदान।
विपक्षी नेता की मांग को मुख्य रूप से संख्यात्मक रूप से प्रभावशाली ओबीसी वर्ग को लुभाने के उपाय के रूप में देखा जा रहा है, जो 2014 से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा का पक्ष ले रहा है।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में एक चुनावी रैली के दौरान इस मांग की आलोचना करते हुए कहा था कि यह मांग अल्पसंख्यक विरोधी और क्षेत्र विरोधी है। जबकि भाजपा में विपक्ष की मांग को मानने के लिए एक राष्ट्रव्यापी “जल्द ही शुरू किए जाने वाले जवाबी हमले” की सुगबुगाहट है, भाजपा ने अपनी राज्य इकाइयों और विभिन्न मोर्चों को आक्रामक पहुंच अभियानों के साथ तैयार रहने के लिए कहा है, जो इस बात पर प्रकाश डालेंगे कि कैसे ‘जितनी आबादी उतना हक’ की मांग “विभाजनकारी, मध्यम वर्ग विरोधी” है।
सौजन्य :डेक्कन क्रॉनिकल
दिनांक :04 नवम्बर 23
नोट : समाचार मूल रूप से deccanchronicle.com में प्रकाशित हुआ है नवाधिकारों के प्रति सवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित