दलित-पिछड़ों को साधने के लिए नीतीश करेंगे बड़ा जुटान, 5 नवंबर को जेडीयू ने बुलाई भीम संसद
लोकसभा चुनाव 2024 की अपनी तैयारियों को पुख्ता करने के लिहाज से जेडीयू 5 नवम्बर को पटना के वेटनरी कॉलेज मैदान में भीम संसद कार्यक्रम का आयोजन करेगा। भाजपा के दलित और पिछड़ा विरोधी चेहरे को उजागर करने के मकसद से पार्टी ने यह बड़ी जुटान तय की है। इसका स्लोगन होगा-संविधान बचाओ, आरक्षण बचाओ, देश बचाओ। पार्टी के शीर्ष नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह समेत सभी प्रमुख नेता भीम संसद को संबोधित करेंगे।
जेडीयू ने आयोजन की तैयारी भी शुरू कर दी है। भीम संवाद को सफल बनाने तथा इसकी रूपरेखा तय करने को लेकर गुरुवार को बैठक हुई। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी, रत्नेश सदा, सुनील कुमार ने भीम संसद की घोषणा की। उमेश कुशवाहा ने कहा कि प्रदेश के तमाम टोलों और मोहल्लों से लोग लाखों की संख्या में आएंगे। कार्यक्रम की तैयारी के लिए कई टीमों की घोषणा जल्द की जाएगी।
भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि जबसे केंद्र में बीजेपी की सरकार बनी है, तबसे दलित एवं पिछड़े वर्गों को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित रखने का प्रयास किया जा रहा है। देश के उप-प्रधानमंत्री जगजीवन राम के नाम से चल रहे छत्रावास योजना को सिर्फ इसलिए बंद किया गया, क्योंकि वह दलित समाज से आते थे।
अशोक चौधरी ने कहा कि देश की वर्तमान हालत एवं चिंताजनक राजनीतिक स्थिति को लेकर जेडीयू ने भीम संसद का फैसला किया है। डॉ. आंबेडकर के संविधान को बदलने में भाजपा की सरकार लगी है। केंद्र आरक्षण को खत्म कर रहा है। बीजेपी धीरे-धीरे आरएसएस की नीति पर आगे बढ़ रही है। आने वाले दिनों में देश के तिरंगे का रंग भी बदलकर वह भगवा कर देगी। हम नई पीढ़ी को बचाने व भाजपा को बेनकाब करने के लिए भीम संसद लगाने जा रहे हैं।
सौजन्य : Live hindustan
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