मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई करेंगे अफसर

द्वारकापुरी में एक मारपीट के वायरल वीडियो के मामले में पुलिस ने गुंडों पर केस दर्ज कर लिया है। इसमें मारपीट करते देख रहे पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की बात सामने आ रही है। यह दूसरा मामला है जिसमें वीडियो वायरल होने के बाद द्वारकापुरी पुलिस ने कार्रवाई की है। टीआई ने यह भी बताया कि वह गुंडे के थाने में शिकायत करने पर वहां पहुंचे थे। इस मामले में जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की बात सामने आ रही है।
दलित नेता मनोज परमार ने एसीपी बीपीएस परिहार को बताया कि गुंडे कमल और कैलाश ने दलित महिला मीराबाई के प्लॉट पर कब्जा किया गया है। इसमें द्वारिकापुरी थाने के पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।इसके बाद पुलिस ने कमल मोर्य, कैलाश यादव और अन्य साथियों पर मारपीट करने जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने के साथ अन्य धाराओं में केस दर्ज कर लिया।
गुंडे के कहने पर ही गई थी पुलिस
टीआई अलका मेनिया ने मीडिया में एक बयान दिया। जिसमें बताया कि कैलाश यादव खुद थाने पहुंचा था। उसने बताया कि मीराबाई और उसके बेटे विवाद करने के बाद आंखों में मिर्च पावडर डाला था। जिसके बाद उन्होंने कैलाश की मदद के लिये खुफिया के जवानों को वहां भेजा। बाद में मीराबाई और उनके बेटों ने पुलिस से विवाद किया। जानकारी के मुताबिक कैलाश यादव और कमल पहले से थाने के हिस्ट्रीशीटर बदमाश है। जिन पर कई अपराध दर्ज हैं।
दलित नेता ने लगाए पुलिसकर्मियों पर आरोप
दलित नेता मनोज परमार ने इस मामले में पुलिसकर्मियों पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना था कि कमल मौर्य और कैलाश यादव इलाके के अपराधी हैं यह सुनील के साथ मिलकर नकली दस्तावेज बनाए। वहीं सांठगांठ कर कब्जा छुड़ाने पहुंचे थे। पुलिसकर्मियो ने दलित बुजुर्ग महिला से मारपीट भी की। जिन पर कार्रवाई होना चाहिए।
टेलर के यहां तोड़फोड़ में भी वायरल वीडियो के बाद दर्ज हुआ था केस
विकास पाटील निवासी कुंदन नगर भी टेलर हैं। उनके यहां भी 5 नवबंर की रात जयदीप यादव, दिलीप यादव, पवन वकोडे व अन्य ने तोड़फोड़ कर दी थी। इस मामले में ड्यूटी अधिकारी ने पहले एनसीआर काटकर विकास पाटील को थाने से रवाना कर दिया था। 8 नवंबर को इस मामले में वीडियो वायरल होने पर द्वारकापुरी पुलिस ने आनन-फानन में केस दर्ज किया था।
सौजन्य : Dainik bhaskar
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