जमीन से अवैध कब्जे हटा कर गरीब, भूमिहीनों को दे सरकार
हिसार : नेशनल अलायंस फॉर दलित ह्यूमन राइट्स के संयोजक अधिवक्ता रजत कल्सन ने कहा कि हरियाणा में ग्राम पंचायतों की मालिकाना शामलाती जमीन करीब 12 लाख एकड़ है, जिस पर करीब 3 लाख एकड़ पर गैरकानूनी कब्जे किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पटवारी, कानूनगो तथा तहसीलदार की मिलीभगत से इन जमीनों पर नाजायज कब्जे कर रखे हैं, यही नहीं इन जमीनों को रेवेन्यू अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कब्जाधारियों ने अपने नाम पर इंद्राज करा रखा है। कल्सन ने कहा कि पंचायत की जमीनों पर ये कब्जे गरीब या अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों ने नहीं किए हैं, ये गैरकानूनी काम गांव के दबंग व सम्पन्न समुदाय के लोगों ने कर रखे हैं।
कल्सन ने बताया कि जय सिंह बनाम स्टेट्स के मामले में हरियाणा की पंचायती शामलाती जमीन केस में 7 अप्रैल, 2022 को दिए गए फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भूमि सीलिंग कानूनों के तहत मालिक की अनुमेय सीमा का हिस्सा बनने वाली भूमि के संबंध में, प्रबंधन और नियंत्रण पंचायत के पास है। इसलिए, एक बार पंचायत के पास भूमि निहित हो जाने के बाद इसका उपयोग समुदाय के सामान्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है और कभी भी मालिकों को वापस नहीं किया जाएगा।
कल्सन ने कहा कि मामले में सरकार से मांग है कि ग्राम पंचायत की तीन लाख एकड़ जमीन से कब्जे छुड़वा कर गरीब तथा अनुसूचित जाति समाज के भूमिहीन लोगों में वितरित की जाए ताकि भूमिहीनों को जमीन मिले और वे इस जमीन पर कृषि कार्य कर सकें।
सौजन्य : Dainiktribuneonline
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