गरीबों का दावा, KCR की दलित बंधु योजना से बदल रहा जीवन, आमदनी बढ़ी
खम्मम, 31 जुलाई : दलित बंधु योजना के लाभार्थियों में दिहाड़ी मजदूर का काम करने वाले तुदेम अशोक, गुंटका प्रभाकर और उनकी पत्नी अरुणा का मानना है कि दलित बंधु स्कीम से लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव हुए हैं। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में बताया, कई लोग दावा करेंगे कि दलित बंधु योजना केसी राव की की सरकार ने हाशिए के समुदायों के वोट हासिल करने के लिए शुरू की। ये सत्ताधारी पार्टी की चाल है, लेकिन खम्मम जिले के चिंताकानी मंडल में कई अनुसूचित जाति के परिवार पुष्टि करते हैं कि इस योजना के कारण उनके जीवन को बेहतर बनाने और बदलने में मदद मिली है।
दलित बंधु योजना के लाभार्थियों में प्रोद्दुतुर गांव निवासी गुंतका प्रभाकर और उनकी पत्नी अरुणा शामिल हैं। दोनों बताते हैं कि कपड़े सिलकर हर महीने 5,000 से 7,000 रुपये कमा रहे थे। इस योजना की मदद से आय 20,000 रुपये तक बढ़ी है। नागालिगोंडा गांव के दिहाड़ी मजदूर चटला सुरेश, चटला वेंकटेश्वरलू और चटला नागा राजू बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन में छड़ का काम कर रहे थे। प्रतिदिन लगभग 400 रुपये कमाने वाले ये दिहाड़ी मजदूर दलित बंधु योजना के लाभार्थी हैं। इन्होंने दलित बंधु योजना के तहत एक हार्वेस्टर खरीदा। अब हजारों रुपये कमा रहे हैं। लोगों को भी रोजगार मुहैया करा रहे हैं।
एक अन्य दिहाड़ी मजदूर तुदेम अशोक बताते हैं कि दलित बंधु योजना के तहत मिले पैसों से उन्होंने एक साउंड सिस्टम, जनरेटर और एक मिनी ट्रक खरीदी। अब डिस्क जॉकी (डीजे) का काम करते हैं। अशोक का कहना है कि वह प्रति कार्यक्रम लगभग 20,000 रुपये कमा लेते हैं। खम्मम जिला कलेक्टर वीपी गौतम के मुताबिक जिले में 2,767 लाभार्थियों को 1,273 इकाइयां सौंपी गई हैं।
सौजन्य : Oneindia
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