मेरठ के किठौर से दलित परिवारों ने किया पलायन, गांव का माहौल गर्माया

थाना किठौर क्षेत्र के गांव सालौर दक्षिणी में पुरानी रंजिश में चल रहे विवाद के बाद दलित परिवारों का पलायन जारी है। पिछले एक सप्ताह में छह दिन में आधा दर्जन दलित परिवार गांव छोड़कर जा चुके हैं। रविवार की रात भी तीन दलित परिवारों ने अपनी जान का खतरा बताते हुए गांव से पलायन कर लिया। हालांकि पुलिस दूसरे पक्ष के वर्तमान प्रधानपति को जेल भेज चुकी है। दलितों के पलायन और प्रधानपति के जेल जाने से एक बार फिर से गांव का माहौल गर्माया है। सालौर दक्षिणी में दो परिवारों में रंजिश चल रही है। इन परिवारों में एक टीकम गुर्जर का है जबकि दूसरा परिवार बीर सिंह दलित का है। गत मंगलवार को बीर सिंह का बेटा दीपक किठौर से कोचिंग कर घर लौट रहा था। मार्ग ग्रामीणों संग खड़े वर्तमान प्रधानपति बरन सिंह गुर्जर और टीकम का बेटा सुनील गुर्जर बात कर रहे थे। बताया कि इसी बीच दीपक की साइकिल प्रधानपति से टच हो गई।
आरोप है कि इस पर आगबबूला प्रधानपति अपने बेटे और दस बारह अन्य लोगों के साथ उसके घर पहुंचा और मारपीट करते हुए गांव से भगाने की धमकी देने लगा। पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों में समझौता करवाकर लौट गई। लेकिन प्रधानपति की धमकी के बाद से भयभीत बीर सिंह ने गांव से सामान ले जाना शुरू कर दिया। बीर सिंह गाड़ी में तमाम सामान लादकर पलायन कर गया। बताया कि आरोपियों ने उसकी गाड़ी रोकी और बीर सिंह के बेटे दीपक, बेटियों बोबी, सरोज और पुत्रवधु के साथ मारपीट की।
पीड़ित थाने पहुंचे और मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने प्रधानपति बरनसिंह को थाने बुलाकर समझौते का प्रयास किया लेकिन बात नहीं बनी। बीर सिंह पलायन कर मुंडाली के मुरलीपुर चला गया। जबकि प्रधानपति को पुलिस ने जेल भेज दिया। बता दें कि पिछले छह दिन से सालौर से दलितों का पलायन जारी है। तमाम दलित परिवार के लोग अपने घरों में ताले डालकर किराए के मकानों में अपना गुजारा कर रहे हैं। एसपी देहात केशव कुमार का कहना है कि मामला गंभीर है। जांच कर इस मामले में जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। वहीं थाना प्रभारी नरेश कुमार ने बताया कि पलायन का कोई मामला नहीं है।
सौजन्य : Patrika
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