ऐशो-आराम का सपना दिखा चल रहा मतांतरण का खेल, दलित बस्तियों में मिशनरियों ने जमाए पैर
अंबेडकरनगर । प्रलोभन देकर मतांतरण का प्रयास एक बार फिर चर्चाओं में है। खासकर, दलित बस्तियां और गरीब तबके के लोग इसाई मिशनरियों के निशाने पर हैं। उन्हें रातों-रात रोगमुक्त करने के साथ ऐशो-आराम की जिंदगी जीने का सपना दिखाया जा रहा है। हर रविवार को चंगाई सभा लगाकर मतांतरण का यह सारा खेल पुलिस की नाक के नीचे चल रहा है, लेकिन वह आंखें मूंदे है।
जहांगीरगंज थाने के नयागांव (नई बाजार) में भाजपा बूथ अध्यक्ष राजकुमार अग्रहरि के घर बीते रविवार को करीब डेढ़ सौ कथित मतांतरित महिलाओं ने उस समय धावा बोल दिया था, जब उन्होंने मखदूमपुर दलित बस्ती में राम मिलन के घर हर सप्ताह लगने वाली इसाई मिशनरी की प्रार्थना सभा में मतांतरण के प्रयासों का विरोध किया था। गनीमत रही कि राजकुमार अपने घर पर मिले नहीं, अन्यथा बड़ा संघर्ष हो सकता था।
आरोप है कि गत रविवार को दलित बस्ती में आसपास के इलाकों से काफी महिलाएं व पुरुष इकट्ठा थे। इससे पहले राजकुमार को मतांतरण करने के लिए मिशनरी ने दो लाख रुपये देने का प्रलोभन दिया था। उन्होंने प्रार्थना सभा में इस तरह के कार्यकलापों का विरोध किया तो विवाद बढ़ गया और भीड़ ने उनके घर के साथ थाने में भी हंगामा किया।
कई लोगों के हस्ताक्षर के साथ राजकुमार की तरफ से दी गई तहरीर में स्पष्ट लिखा है कि आरोपितों ने उन लोगों को अपना धर्म बदलने के लिए दो-दो लाख रुपये देने का लालच दिया था। इसका विरोध करने पर भीड़ ने फर्जी जातीय मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। सीओ जगदीश लाल टम्टा ने बताया कि नई बाजार के मामले में जांच कर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। धर्म परिवर्तन के प्रयासों पर पैनी नजर है। किसी को कानून तोड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मतांतरण के खेल में धर्मस्थल वर्षों से रहा केंद्र :
प्रलोभन के जरिए मतांतरण के प्रयासों पर सरकार की सख्ती के बाद भी आलापुर सर्किल में यह खेल बेखौफ चल रहा है। आलापुर व बसखारी थाने की सीमा पर स्थित एक धर्मस्थल इस क्रियाकलाप का वर्षों से केंद्र रहा है। अब तक दलित बस्तियों के हजारों लोग मतांतरण कर चुके हैं। कुछ माह पूर्व राजेसुलतानपुर थाने के तेंदुआईकला में भी मतांतरण का मामला सामने आया था।
हिंदू संगठनों के विरोध व हंगामे के बाद तीन लोगों पर पुलिस ने कार्रवाई की थी। इसके पूर्व भी जहांगीरगंज दलित बस्ती, गनपतपुर, ढोलबजवा, फत्तेपुर, गोल्हईपुर, उधरनपुर आदि दर्जनों गांव इसके लिए चर्चित रहे हैं। कुछ दिन पूर्व गनपतपुर में ऐसे क्रियाकलापों पर कड़े विरोध के बाद रोक लगाई गई थी।
अब नई बाजार की घटना के बाद नयागांव (नई बाजार) सहित मखदूमपुर, सिंहपुर दलित बस्ती भी सुर्खियों में है।ताजा विवाद के बाद खुफिया तंत्र पर भी सवाल उठ रहे हैं। मतांतरण कर चुके लोग अनुसूचित जाति से जुड़ी योजनाओं का भी भरपूर लाभ ले रहे हैं, जबकि नियमत: मतांतरण करते ही उन्हें मिलने वाली जातीय सुविधाएं खत्म हो जानी चाहिए।
सौजन्य : Dainik jagran
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