दलित युवक ने शान से निकाली बिंदोरी, पुलिस का रहा तगड़ा बंदोबस्त
Sangod: शादी होती है हर दूल्हे का सपना होता है कि वो घोड़ी पर बैठे. पूरे गांव में शान से उसकी बिंदोरी निकले. परिजन नाचते गाते खुशियां मनाए. लेकिन अब भी राज्य में कई गांवों में जातिवाद और ऊंच-नीच की रूढि़वादी सोच कई युवकों के इस सपने को पूरा नहीं होने दे रही है. बालूहेड़ा के रहने वाले दिलकुश बैरवा को भी अपनी शादी पर कुछ ऐसी ही खुशियां मनानी थी. परिजनों की भी इच्छा थी की वो अपने बेटे की शादी में बैंडबाजे पर नाचे. लेकिन रूढ़ीवादी सोच के लोगों का भी डर था.
कनवास एसडीएम राजेश डागा के प्रयास से दिलखुश का ना केवल अपनी शादी में घोड़ी पर बैठने का सपना पूरा हुआ है. शुक्रवार शाम यहां भारी पुलिस लवाजमे के साथ दिलखुश की बिंदोरी शान से निकाली गई. गांव में यह पहला मौका है जब यहां किसी दलित युवक की बिंदोरी निकली. उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों एसडीएम डागा की जनसुनवाई में दिलखुश ने अपनी शादी पर बिंदोरी निकालने व इससे पहले किसी दलित युवक की बिंदोरी नहीं निकलने की बात कही थी. जिसके बाद एसडीएम राजेश डागा ने यह कदम उठाया. एसडीएम डागा ने जनसुनवाई के दौरान मौजूद ग्रामीणों ने दिलखुश की बिंदोरी में हर प्रकार के सहयोग का भरोसा दिलाया.
पुलिस का रहा तगड़ा बंदोबस्त
गौरतलब है कि पुलिस की तरफ से इस बिंदोरी के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात थे. लेकिन एहतियातन बिंदोरी के दौरान पुलिस का तगड़ा बंदोबस्त रहा. जिसका आलम यह था कि बिंदोरी के रास्ते पुलिसकर्मी तैनात रहे. पुलिस अधिकारियों के वाहन भी बिंदोरी के आगे-आगे चलते रहे. बिंदोरी के शांतिपूर्ण निपटने पर हर तरफ चेहरों पर राहत दिखी.
अधिकारी भी रहे मौजूद
उपखंड क्षेत्र के पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी भी दिलखुश की बिंदोरी के गवाह बने. बिंदोरी में कनवास एसडीएम राजेश डागा, पुलिस उपअधीक्षक रामेश्वर परिहार, कनवास थानाधिकारी मुकेश त्यागी, देवलीमांजी थानाधिकारी रामावतार शर्मा समेत भीम आर्मी से जुड़े बड़ी संख्या में कार्यकर्ता व गांव के कई प्रबुद्धजन मौजूद रहे. इस दौरान जहां से भी बिंदोरी निकली हर कोई एकटक बिंदोरी में नाचते गाते लोगों को देखता रहा.
सौजन्य : Zeenews
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