दलितों के मंदिर में घुसने का विरोध, गांव वालों ने समुदाय के बहिष्कार का किया फैसला; पुलिस का दावा- विवाद सुलझा लिया
महाराष्ट्र के एक गांव में स्थित मंदिर में दलितों के प्रवेश करने के बाद यहां तनाव बढ़ गया। लातूर जिले में कुछ गांव वालों ने मिलकर स्थानीय दलित समुदाय का बहिष्कार करने का फैसला कर लिया। इस मामले में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा है। शनिवार को पुलिस ने कहा कि एक बैठक के बाद विवाद को खत्म कर दिया गया है और अब हालात सामान्य हैं।
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि यह विवाद उस वक्त हुआ जब दो दलित युवाओं ने यहां के एक हनुमान मंदिर में प्रवेश किया। निलंगा तहसील के तडमुगाली गांव के मंदिर में जाने के बाद इन लोगों ने वहां नारियल भी फोड़ा। इसके बाद कुछ अन्य युवाओं ने मंदिर में इनके प्रवेश करने पर एतराज जताया। इसके बाद अन्य समुदाय के लोगों ने फैसला कर लिया कि वो गांव के दलित समुदाय का बहिष्कार करेंगे।
एक मील मालिक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिसने एक दलित परिवार को सामान देने से इनकार कर दिया। इस वीडियो में मील का मालिक यह कहते हुए सुनाई दे रहा है कि कि अगर वो गांव के खिलाफ जाएगा और उनसे 10 रुपये लेता है तो बाद में उसे 40,000 रुपये का भुगतान करना पड़ेगा।
इस मामले में उप पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार कोल्हे ने कहा कि पुलिस ने दोनों ही पक्षों की एक बैठक कराई जिसके बाद इस विवाद को सुलझा लिया गया। उन्होंने कहा, ‘दो युवा समुदायों के बीच नासमझी की वजह से उपजे विवाद को खत्म कर दिया गया है। हमने एक मीटिंग आयोजित कराई थी जिसके बाद विवाद को सुलझा दिया गया है।’
सौजन्य : Msn
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