जबलपुर में आदिवासी दंपती की हुई थी हत्या, सबूत मिटाने झोपड़ी में लगा दी थी आग
जबलपुर : बरगी के ग्राम चौरई में झोपड़ी में लगी आग में झुलसने के कारण आदिवासी दंपती की मौत नहीं हुई थी, बल्कि उनकी हत्या की गई थी। दोनों को धारदार हथियार में मारने के बाद झोपड़ी में आग लगा दी गई। ताकि हर कोई इसे आग लगने का हादसा समझे। मृतक दंपती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पूरे मामले से पर्दा उठा दिया। पुलिस ने दंपती के एक करीबी को हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है।
ज्ञात हो कि विगत 10 जनवरी की सुबह झोपड़ी में आग लगने की जानकारी लगी। इस दौरान पुलिस पहुंची जिसने प्रारंभिक स्तर पर माना कि आग लगने की वजह से झोपड़ी में सो रहे दंपती की मौत हुई। ये एक तरह से हादसा समझा गया। पुलिस जांच में पता चला कि दंपती के रिश्तेदार ने ही पहले घटना के दिन 9 जनवरी की देर रात दोनों को मौत के घाट उतारा और फिर उनकी झोपड़ी में आग लगा दी।
पुलिस आरोपित से हथियार जब्त करने का प्रयास कर रही है। अब तक की जांच में यह बात सामने आई है कि मवेशी चराने की बात से उपजे विवाद के बाद वारदात को अंजाम दिया गया।
यह है मामला: ग्राम चौरई निवासी सुबेर सिंह (60) और उसकी पत्नी सीता बाई (55) की आग में झुलसने के कारण नौ जनवरी की देर रात संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। दोनो खेत में बनी टपरिया में रहते थे। सोमवार सुबह सूचना पर जब पुलिस मौके पर पहुंची, तो दोनों के शव बुरी तरह से झुलस चुके थे। वही उनके घर के बाहर बंधे मवेशियों को रस्सी काटकर भगाया गया था। पुलिस ने दोनों शवों का मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि दंपती पर पहले किसी भारी धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार कर मौत के घाट उतारा गया और फिर शवों को आग लगा दी गई, ताकि मामला हत्या नहीं बल्की हादसे का लगे।
मामूली बात पर मारपीट: शराब के नशे में धुत एक व्यक्ति ने शनिवार को बेलखेडा में एक अन्य से मारपीट कर दी। बेलखेड़ा पुलिस ने बताया कि ग्राम भैरोघाट निवासी मूरत सिंह लोधी शनिवार रात घर के बाहर खड़ा था, तभी शराब के नशे में धुत प्रहलाद सिंह लोधी वहां पहुंचा और उससे मारपीट कर दी!
सौजन्य : Nai dunia
नोट : यह समाचार मूलरूप से naidunia.com में प्रकाशित हुआ है. मानवाधिकारों के प्रति संवेदनशीलता व जागरूकता के उद्देश्य से प्रकाशित किया गया है !