सरकार आपके द्वार से भी निराशा ही हाथ लगी
करमाटांड़( जामताड़ा): झारखंड निर्माण के बाद भी आदिवासी समाज उपेक्षा का दंश झेलने को मजबूर है। आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम संचालित कर भले ही समस्या निदान का दावा कर रही हो धरातल पर हकीकत कुछ और ही बयां कर रहा है। करमाटांड़ प्रखंड के हरिहरपुर गांव के निवासी 12 वर्षीय मिहिलाल मुर्मू जो बचपन से बोलने में अक्षम है। विकलांग प्रमाण पत्र बनाने को जब सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां से अधिकारी आश्वासन की घूंटी पिलाकर वापस कर दिया। बताया कि उन्हें खाता खुलवाना होगा। मिहिलाल मुर्मू की मां जियामूनी मुर्मू ने बताया कि दो वर्ष से कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं परंतु अब तक दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बन सका है। जबकि परिवार की स्थिति भी दयनीय है और मजदूरी करके परिवार का भरण पोषण किया जाता हैं।
इसी तरह हरिहर मुर्मू ने बताया कि पूर्व में पेंशन का लाभ मिलता था परंतु अब पेंशन का लाभ नहीं मिलता है। जब आपके अधिकार, आपके द्वार कार्यक्रम में पहुंचा तो आवेदन देने को कहा गया। आवेदन देने के 20 दिन बाद भी अब तक किसी तरह का पहल नहीं हुई। प्रखंड मुख्यालय से कोसों दूर हरिहरपुर गांव जाने के लिए लोगों को आज तक एक अदद सड़क तक नहीं है। ऐसे में विकास की बात करना कहां तक उचित है। बीडीओ अजफर हसनैन ने बताया कि समस्या के बारे में जानकारी मिली थी। लाभुक का कोआपरेटिव बैंक में खाता रहने के कारण समस्याओं का हल नहीं किया जा सका था। उन्हें खाता खोलने के लिए कहा गया है खाता खुलते ही समस्या दूर हो जाएगी।
सौजन्य : Dainik jagran
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