आदिवासियों के लिए हुई बड़ी घोषाणा, लेकिन इनकों नहीं मिलेगा लाभ
कटनी : सरकार द्वारा आदिवासियों के घर घर तक राशन पहुंचाने का वादा किया है, लेकिन कटनी जिले के कई गांव ऐसे हैं, जिन्हें इस योजना का लाभ मिलना तो दूर की बात, उन्हें राशन लाने के लिए थोड़ा बहुत नहीं बल्कि करीब १२ किलोमीटर दूर जाकर राशन लाना पड़ता है।
इन्हे नहीं मिलेगा सीएम की घोषणा का लाभ
कटनी जिले के बहोरीबंद विकासखंड के राशन दुकान गौरहा के गांव नेगवां, पटोहां, शिकारपुरा, बघराजखुर्द व हाथीभार के आदिवासियों के लिए राशन लाना किसी चुनौती से कम नहीं है। बहोरीबंद विकासखंड के आदिवासी बाहुल्य गांव नेगवां, पटोहां, शिकारपुरा, बघराजखुर्द व हाथीभार के रहवासियों के लिए राशन दुकान से अनाज लेना किसी चुनौती से कम नहीं है। इन गांव से गौरहा स्थित राशन दुकान की दूरी 10 से 12 किलोमीटर है और ग्रामीणों को राशन दुकान तक अनाज लेने जाना हुआ तो पूरा दिन लग जाता है। उस दिन वे दूसरा कोई काम नहीं कर पाते हैं। इतना ही नहीं राशन दुकान में सर्वर व दूसरी समस्या आ गई तो दो से तीन दिन तक राशन के लिए दुकान के चक्कर लगाने पड़ते हैं। मजदूरी का भी नुकसान होता है। प्रदेश सरकार ने एक दिन पहले ही आदिवासी विकासखंडों के लिए घर पहुंचाकर राशन देेने के लिए द्वार प्रदाय योजना प्रारंभ की है। खासबात यह है कि बहोरीबंद विकासखंड आदिवासी विकासखंडों की सूची में शामिल नहीं है, इसलिए यहां के आदिवासियों को इस योजना का भी लाभ नहीं मिलेगा।
साभार : पत्रिका न्यूज़
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