यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर अपना दल ने खेला दलित और ओबीसी कार्ड, बीजेपी पर बनाया दबाव
Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष के पद के लिए 18 अक्टूबर को चुनाव होेनेहैं। इन चुनावों को लेकर बीजेपी के अहम सहयोगी अपना दल (एस) नेकुछ ऐसी माँग रख दी हैकि बीजेपी को ना हाँ करते बन रहा है और ना ही हाँ करते।
लखनऊ. विधानसभा चुनाव 2022 जैसे-जैसे नज़दीक आता जा रहा हैसियासी पैंतरेबाजी और हथकंडा तेज़ होता जा रहा है। खासतौर पर बड़ी पार्टियों के छोटे सहयोगी दल इस नाजुक वक्त में ऐसे- ऐसेडिमांड रख रहेहैंकि बड़ी पार्टियों के कर्ताधर्ताओं के माथे पर पसीना आ जा रहा है। बीजेपी के अहम सहयोगी अपना दल (एस) नेकुछ ऐसी माँग रख दी हैकि बीजेपी को ना हाँ करते बन रहा है और ना ही हाँ करते।
दरअसल, यूपी विधानसभा उपाध्यक्ष के पद के लिए 18 अक्टूबर को चुनाव होेनेहैं। विधानसभा स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित नेतारीख की घोषणा कर दी है। अभी उपाध्यक्ष के पद को लेकर पक्ष और विपक्ष मेंसियासी नूराकुश्ती चल ही रही थी कि इसी नाजुक वक्त मेंबीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) ने ऐसी माँग रख दी कि बीजेपी को कोई राह नहीं सूझ रहा।
लखीमपुर खीरी कांड मेंभी अपना दल के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल नेकेंद्रीय गृहगृ राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार करनेकी मांग की थी और उनकी गिरफ्तारी के बाद योगी सरकार को धन्यवाद भी दिया था।
सीट बँटवारे पर भी नहीं बनी सहमति बीजेपी के सहयोगी दलों में अभी तक सीट बँटवारेको लेकर भी कोई सहमति नहीं बनी है। जिसके चलते अपना दल (एस) और निषाद पार्टी दोनों ही बीजेपी पर ज्यादा सीटों का दबाव बना रही हैं। ये आलम तब है जब केन्द्रीय मंत्री और यूपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान नेपिछले महीने लखनऊ मेंप्रेस कॉफ्रेंस करके कहा था कि, “सहयोगी दलों को सीटें सम्मानजनक मिलेंगी और सही समय पर गठबंधन की सीटों की घोषणा होगी।”
साभार : पत्रिका
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