समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथ के खिलाफ खड़ा होना चाहिए: मोहन भागवत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बार फिर हर भारतीय नागरिक को ‘हिंदू’ बताया है. भागवत ने 6 सितंबर को कहा कि हिंदू-मुस्लिम ‘एक ही वंशावली’ साझा करते हैं. पुणे स्थित ग्लोबल स्ट्रेटजी पॉलिसी फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान आरएसएस प्रमुख ने कहा कि ‘समझदार मुस्लिम नेताओं को कट्टरपंथियों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए|
“हिंदू शब्द मातृभूमि, पूर्वज और भारतीय संस्कृति के बराबर था. ये दूसरों के विचारों का अनादर करना नहीं है. हमें भारतीय प्रभुत्व हासिल करने के बारे में सोचना चाहिए, न कि मुस्लिम प्रभुत्व.”
मोहन भागवत ने कहा कि भारत के पूर्ण विकास के लिए सभी को मिलकर साथ काम करना चाहिए.
मुस्लिम नेताओं को भागवत की ‘नसीहत’
आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि ‘भारत में इस्लाम आक्रमणकारियों के साथ आया था, ये इतिहास है और इसी तरीके से कहा जाना चाहिए.’
“समझदार मुस्लिम नेताओं को गैरजरूरी मुद्दों का विरोध करना चाहिए और कट्टरपंथियों के खिलाफ मजबूती से खड़ा होना चाहिए. जितना जल्दी हम ये जितना ज्यादा करेंगे, समाज को उतना ही कम नुकसान होगा.”
मोहन भागवत
भागवत ने कहा कि सुपरपावर के तौर पर भारत किसी को डराएगा नहीं. ‘राष्ट्र प्रथम, राष्ट्र सर्वोपरि’ नाम से आयोजित सेमिनार में मोहन भागवत ने कहा, “हर भारतीय हिंदू है. हिंदू और मुस्लिम एक ही वंशावली साझा करते हैं.”
इस कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और कश्मीर सेंट्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन (रिटायर्ड) भी मौजूद रहे और संबोधन भी दिया|
सौजन्य : द क्विंट
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