छत्तीसगढ़ में महिला जज ने की खुदकुशी, बताई जा रहीं अकेलेपन और डिप्रेशन की शिकार

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुंगेली में पदस्थ जिला एवं सत्र न्यायाधीश कांता मार्टिन ने रविवार को अपने बंगले पर खुदकुशी कर ली. 11 साल पहले भी एक महिला जज ने इसी बंगले में आत्महत्या की थी. मुंगेली जिले की जिला जज का शव उनके सरकारी बंगले के एक कमरे में रविवार की सुबह पंखे से लटका मिला था. पुलिस प्रथमदृष्टया इसे डिप्रेशन के चलते आत्महत्या का मामला मान रही है लेकिन खुदकुशी के मामले में कोई सुसाइड नोट न मिलने से वह मौत के दूसरे कारणों की भी जांच कर रही है|
पुलिस ने यह साफ किया है कि शुरुआती जांच में 56 वर्षीय मार्टिन के डिप्रेशन में होने की बात सामने आई है.
दिप्रिंट से डिप्रेशन के चलते सुसाइड वाली थ्यौरी की पुष्टि करते हुए मुंगेली के पुलिस अधीक्षक अरविंद कुजूर ने बताया कि मार्टिन दिवाली की रात काफी खुश थीं और अपने कुक को खाना बनाने के बाद जल्दी छुट्टी दे दी थी. लेकिन रविवार की सुबह जब नौकर काम करने आया तो उसकी कई कोशिशों के बाद भी अंदर से दरवाजा नहीं खुला. वह काफी देर तक बेल बजाता रहा और फिर कांता मार्टिन को फ़ोन कॉल भी किया लेकिन भीतर से कोई जवाब नहीं मिला. परेशान होकर नौकर ने इसकी जानकारी पड़ोस में रहने वाले एक अन्य न्यायिक अधिकारी को दी जिन्होंने मामला के बारे में पुलिस अधीक्षक को बताया.
कुजूर के अनुसार, ‘जानकारी मिलते ही मैं स्वयं घटना स्थल पर टीम के साथ वहां पहुंचा. पहले कुछ समझ नहीं आया लेकिन बाद में टॉर्च के सहारे अंदर देखा तो कांता मार्टिन का शव कमरे के अंदर उनके ही साड़ी के फंदे से लटका हुआ था. पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को बाहर निकाला. घटनास्थल से किसी प्रकार का सुसाइड नोट नहीं मिला है. इसिलिए कुछ और बिंदुओं पर जांच की जा रही है. अंतिम बार उन्होंने रायपुर में रहने वाले अपने बेटे अंकित मार्टिन से दिवाली के दिन 6 बजे शाम को बात किया था.’
कुजूर ने आगे बताया, ‘मृतक का दूसरा बेटा राहुल मार्टिन दिल्ली में रहता हैं. अंकित को घटना की जानकारी तुरंत दे दी गई थी. उसके पहुंचने के बाद मार्टिन के शव का पोस्टमाटर्म किया गया और देर शाम बेटे को सौंप दिया गया था जो बाद में अंतिम संस्कार के लिए जबलपुर ले गए.’
साभार : दि प्रिंट