दलित नाबालिग छात्रा से दुराचार
चंपावत । लधियाघाटी क्षेत्र के एक गांव में 13 साल की दलित किशोरी से दुराचार का मामला सामने आया है। आरोपी टैक्सी चालक के खिलाफ रीठा साहिब थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर किशोरी को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए लोहाघाट अस्पताल भेजा है। इधर, देर शाम आरोपी टैक्सी चालक ने जहर खाकर खुदकुशी कर ली।
परिजनों के मुताबिक बालिका शनिवार शाम करीब पांच बजे अपने निवास से एक किलोमीटर दूर रह रहे दादा-दादी से मिलकर लौट रही थी। रास्ते में एक गधेरे के पास भोला दत्त कापड़ी (38) ने उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोप है कि भोला दत्त ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग भी किया और मुंह खोलने पर परिवार को जान से मारने की धमकी भी दी। थानाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ने बताया कि भोला दत्त कापड़ी के खिलाफ धारा 376, 506 और 3/4 पॉक्सो और एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। वहीं, पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल ने बताया कि मामले में पुलिस क्षेत्राधिकारी राजन सिंह रौतेला को जांच अधिकारी बनाया गया है।
सीओ को एक महिला दरोगा के साथ पीड़िता के बयान लेने के लिए रीठा साहिब भेजा गया है। इधर देर शाम आरोपी ने जहर खा लिया। रीठा साहिब थाने की पुलिस आरोपी को दबोचने के लिए दबिश दे रही थी। तभी पाटी तहसील के जोश्यूड़ा-तपनीपाल मार्ग के बीच आरोपी अपनी टैक्सी के भीतर बेसुध मिला।
पुलिस ने आपात सेवा 108 के जरिये भोला दत्त को लोहाघाट अस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्साधीक्षक डॉ.मंजीत सिंह और फार्मेसिस्ट मुकुल कुमार राय ने उसे मृत घोषित कर दिया। बता दें कि इस वारदात से पूर्व चंपावत जिले में इस साल नाबालिगों से दुष्कर्म की पांच घटनाएं हो चुकीं हैं।
पुलिस करती रही मामले को दबाने का प्रयास!
चंपावत। लधियाघाटी क्षेत्र में दलित किशोरी से दुष्कर्म की वारदात के मामले में रीठा साहिब पुलिस शुरुआत में लीपापोती करने का प्रयास करती रही। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि रीठा साहिब पुलिस को वारदात की जानकारी फोन से रविवार रात आठ बजे दे दी गई थी। परिजन सोमवार सुबह दस बजे तहरीर दर्ज कराने पुलिस के पास पहुंचे लेकिन पुलिस ने काफी देर तक तहरीर लेने में आनाकानी की। वे थानाध्यक्ष के आने पर ही तहरीर लेने की बात कहकर टालमटोल करने लगे। इस पर परिजनों ने यह मामला चंपावत पुलिस अधीक्षक धीरेंद्र गुंज्याल तक पहुंचाया। गुंज्याल ने थाने के पुलिसकर्मियों को लताड़ लगाते हुए मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद मुकदमा दर्ज हुआ। इधर थानाध्यक्ष का कहना है कि पुलिस की ओर से मामले को दबाने का प्रयास नहीं किया गया। शुरू में परिजन मामले में समझौता चाहते थे।
साभार : अमर उजाला